मुसलमान देशों पर बैन को लेकर कोर्ट में घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मुसलमानों पर बैन की वजह से मुश्किल में। कोर्ट ने ट्रंप से किया सवरल क्या उनका फैसला मुसलमान विरोधी नहीं है और क्या उन्होंने भेदभाव नहीं किया है।
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सात मुसलमान देशों पर लगाए गए बैन की वजह से अब मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं। कोर्ट ने उनके बैन को लेकर उनसे कड़े सवाल पूछे हैं। ट्रंप ने 27 जनवरी को एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन किया था। इसके तहत सात मुसलमान देशों से आने वाले नागरिकों और शरणार्थियों के अमेरिका आने पर रोक लगा दी थी।
अगले हफ्ते आएगा अहम फैसला
सैन फ्रांसिस्को की एक अपीली कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप से बैन को लेकर कड़े सवाल किए हैं। कोर्ट ने ट्रंप से पूछा है कि क्या उनके फैसले को मुस्लिम-विरोधी नहीं देखा जाना चाहिए। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक कोर्ट का फैसला आ जाएगा। तीन जजों वाली अपीली कोर्ट ने इस बात पर बहस कर रही थी कि लोअर कोर्ट की ओर से जो फैसला आया है, उसे बरकरार रखना चाहिए या नहीं।बैन के विरोधियों ने बहस में कहा कि ट्रंप के फैसले ने अमेरिकी एयरपोर्ट और दुनिया के कई हिस्सों में एक अव्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी है। हजारों लोग जिनमें ग्रीन कार्ड होल्डर्स भी हैं उन्हें फ्लाइट में ही चढ़ने नहीं दिया जा रहा है या फिर उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में लिया जा रहा है।
कैसे खतरा हैं ये देश
कोर्ट में अटॉर्नी ऑगस्ट फ्लेत्जे ने कहा कि देश में कौन आए और कौन नहीं आए इस पर नियंत्रण रखने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रपति को अधिकार दिया है। अटॉर्नी से पूछा गया कि जिन सात देशों- इराक, ईरान लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन को बैन किया गया है, वे देश फिलहाल अमेरिका के लिए कैसे खतरा हैं। इस पर अटॉर्नी ने जवाब दिया कि अमेरिका में बसे सोमालिया के कई नागरिकों के संबंध अल-शबाब ग्रुप से है। सुनवाई के अंतिम मिनटों में इस बात पर बहस हुई कि अगर यह बैन मुस्लिमों को रोकने के लिए है तो यह असंवैधानिक होगा।