ब्रिटिश महारानी से भी अमीर हैं नारायण मूर्ति की बेटी लेकिन पति की गलती ने बढ़ाई मुसीबत
नई दिल्ली। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक जोकि यूके के चांसलर भी हैं, नए विवादों के घेरे में हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति की संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं दी। ब्रिटिश न्यूजपेपर द गार्जियन के अनुसार ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्तिं करोड़ों रुपए की मालकिन हैं, यही नहीं उनके पास इतनी संपत्ति है जोकि उन्हें क्वीन एलिजाबेथ से भी अमीर बनाती है। रिपोर्ट के अनुसार अक्षता मूर्ति के पास उनके पिता नारायण मूर्ति की कंपनी इंफोसिस में तकरीबन 4200 करोड़ रुपए के शेयर हैं।
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क्वीन एलिजाबेथ की कुल संपत्ति?
बता दें कि क्वीन एलिजाबेथ की कुल आय तकरीबन 3400 करोड़ रुपए है। यूके के कानून के अनुसार सभी मंत्रियों को अपने परिवार के सभी करीबी सदस्यों की आय के बारे में जानकारी देनी होती है। बता दें कि यूके में सभी मंत्री मिनिस्टर लॉ से बंधे होते हैं और इन सभी को इसका पालन करना होता है। इस नियम के तहत मंत्रियों को अपने सभी करीबी रिश्तेदारों की संपत्ति और जिम्मेदारी की जानकारी देनी होती है ताकि हितों का किसी भी तरह का कोई टकराव नहीं हो।
हितों का टकराव
जांच में यह बात सामने आई है कि सुनक की वित्तीय जानकारी में उनकी पत्नी की संपत्ति की जानकारी नहीं है बल्कि ऋषि की यूके की कैपिटल फर्म कैटमरन वेंचर्स की जानकारी ही दी गई है। ऐसे में ऋषि की पत्नी की संपत्ति की जानकारी नहीं देना हितों के टकराव के अंतर्गत आता है। दरअसल इंफोसिस कंपनी यूके सरकार में कॉन्ट्रैक्टर भी है। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार अक्षता मूर्ति का यूके की छह कंपनियों में शेयर है, इसमे अमेजन इंडिया भी शामिल है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद माना जा रहा है कि यूके सरकार इस मामले की जांच करा सकती है। हालांकि सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आंतरिक सलाहकारों ने इस मामले में संतुष्टि जाहिर की है और कहा है कि ऋषि सुनक ने मिनिस्टेरियल कोड का पालन किया है।
कैसे मिले दोनों
बता दें कि ऋषि सुनक ने यूके में एक इंवेस्टमेंट फर्म की शुरुआत की थी। नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल में ऋषि के साथ ही पढ़ती थीं। दोनों का 2009 में विवाह हुआ था और उनके दो बच्चे कृष्णा और अनुष्का हैं। ऋषि रिचमंड से लगातार तीन बार चुने जा चुके हैं। उन्होंने 2015, 2017 और 2019 में एमपी का चुनाव जीता था। फरवरी 2020 में उन्हें चीफ सेक्रेटरी के पद पर प्रमोट किया गया था जोकि वित्त मंत्री के पद के बराबर का पद है।