दुनिया के वे देश जहां गर्भपात कराना है बड़ा अपराध, हो सकती है 50 साल तक की सजा
अमेरिका, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात अधिकारों को वापस लेने वाला पहला देश बन गया है। पिछले 25 वर्षों में 50 से अधिक देशों ने गर्भपात को सुलभ बनाने को लेकर कानूनों बदलाव किए हैं
वाशिंगटन, 25 जूनः अमेरिका, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात अधिकारों को वापस लेने वाला पहला देश बन गया है। पिछले 25 वर्षों में 50 से अधिक देशों ने गर्भपात को सुलभ बनाने को लेकर कानूनों बदलाव किए हैं, वहीं सिर्फ 3 देश ऐसे हैं जिन्होंने गर्भपात को मुश्किल बनाने को लेकर कानून कड़े किए हैं।
इन देशों में गर्भपात है आसान
कुल 67 देश ऐसे हैं जहां गर्भपात के लिए कोई वजह नहीं बतानी पड़ती। हालांकि बच्चे और मां के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यहां गर्भपात की समय सीमा को सीमित रखा गया है। अधिकांश देशों में पहले 3 महीनों के अंदर ही गर्भपात की अनुमति है। इनमें कनाडा, चीन और रूस शामिल हैं।
26 देशों में गर्भपात पर है बैन
दुनिया में 26 देश ऐसे हैं जहां किसी भी हाल में गर्भपात नहीं कराया जा सकता है। फिर चाहे मां या बच्चे की जान पर ही खतरा क्यों ना हो। इनमें मिस्र, सूरीनाम, इराक, सेनेगल, होंडूरस, निराकागुआ, फिलीपींस आदि शामिल हैं। हालांकि 39 देश ऐसे भी हैं जहां गर्भपात बैन तो है लेकिन अगर मां की जान बचाने के लिए अबॉर्शन किया जा रहा हो, तो उसकी अनुमति है। आइये जानते हैं उन देशों के बारे में जहां गर्भपात को लेकर नियम बेहद सख्त हैं।
अल सल्वाडोर
एमनेस्टी इंटरनेशनल अल सल्वाडोर को अपनी एक रिपोर्ट में महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश बता चुका है। यहां पर किसी भी हालात में गर्भपात की अनुमति नहीं है। पिछले महीने ही अल सल्वाडोर की एक अदालत ने एक महिला को गर्भपात कराने के मामले में 30 साल कारावास की सजा सुनाई है। अल सल्वाडोर में गर्भपात को लेकर सबसे सख्त कानून हैं। यहां गर्भपात कराने पर 50 साल तक की सजा हो सकती है।
पोलैंड
पूरे यूरोप में पोलैंड ऐसा देश है जहां गर्भपात कानून सबसे सख्त हैं। यहां किसी भी हालत में गर्भपात की अनुमति नहीं है। 2020 में पोलैंड की सर्वोच्च अदालत ने देश में गर्भपात कराने को गैर-कानूनी करार दिया था। उससे पहले भ्रूण में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर कानूनी तौर पर महिलाएं गर्भपात करा सकती थीं, लेकिन नए नियम के तहत गर्भपात पूरी तरह अवैध हो गया। हालांकि बलात्कार, अनाचार या मां की सेहत से जुड़े खतरे को देखकर गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 80,000 से 120,000 पोलिश महिलाएं दूसरे देशों में जाकर गर्भपात करवाती हैं।
माल्टा
माल्टा, यूरोपियन यूनियन का एकमात्र ऐसा देश है जहां गर्भपात किसी भी परिस्थिति में नहीं कराया जा सकता है। गर्भपात कराने पर यहां 18 महीने से 3 साल तक की सजा हो सकती है। जबकि गर्भपात करने वाले व्यक्ति को 4 साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उसका डॉक्टरी की प्रैक्टिस का लाइसेंस भी रद्द हो जाता है।
ब्राजील
ब्राजील एक ऐसा देश है, जहां किसी महिला के लिए गर्भपात कराना बहुत मुश्किल है। यहां गर्भपात की सिर्फ तभी अनुमति दी जा सकती है, जब महिला के साथ रेप हुआ हो, या प्रेग्नेंसी से उसकी जान को खतरा हो। हालांकि इस तरह की अनुमति भी कोर्ट की अनुमति के बाद ही मिल पाती है।
सऊदी अरब
सऊदी
अरब
एक
रुढ़िवादी
शासन
वाला
देश
है।
यहां
महिलाओं
को
गर्भपात
की
अनुमति
तभी
दी
जा
सकती
है,
जब
उसकी
जान
बचानी
हो।
हालांकि
इसके
लिए
भी
महिला
को
अपने
पति
की
अनुमति
लेनी
जरूरी
होती
है।
अर्जेंटीना
अर्जेंटीना
में
गर्भपात
को
लेकर
महिलाएं
कई
दशकों
से
प्रयास
कर
रही
थीं।
कुछ
समय
पहले
देश
में
10
लाख
महिलाओं
ने
इसे
सुगम
बनाने
को
लेकर
विरोध
प्रदर्शन
किया।
जिसके
बाद
सरकार
ने
एक
कानून
बनाया
जिसके
मुताबिक
14
सप्ताह
तक
की
गर्भवती
महिला
के
गर्भपात
को
वैधानिक
कर
दिया
गया।
भारत में गर्भपात को लेक कानून
भारत में गर्भपात को लेकर कानून सख्त नहीं है। भारत में अलग-अलग परिस्थितियों में सुरक्षित गर्भपात का कानूनी अधिकार है। भारत में गर्भपात के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 में पास हुआ। उसके बाद 2021 में इसमें संशोधन किया गया जिसके तहत कुछ विशेष श्रेणी की महिलाओं के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह (5 महीने) से बढ़ाकर 24 सप्ताह (छह महीने) कर दिया गया है।
24 सप्ताह तक हो सकता है गर्भपात
संशोधित कानून के अनुसार रेप पीड़ित, नजदीकी रिश्तेदार द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकार या नाबालिग 24 हफ्ते तक की प्रेग्नेंसी को मेडिकली टर्मिनेट करा सकती हैं। इसके अलावा ऐसी महिलाएं जो गर्भावस्था के दौरान विधवा हो गईं या जिनका तलाक हो गया हो उन्हें भी गर्भपात कराने की अनुमति है। अगर भ्रूण में कोई गंभीर बीमारी या विकृति हो जिससे मां या बच्चे की जान को खतरा हो तो या फिर उसके जन्म लेने के बाद उसमें मानसिक या शारीरिक विकृति आने, गंभीर विकलांगता का शिकार होने का खतरा हो तब भी महिला 24 हफ्ते के अंदर गर्भपात करा सकती हैं।
दुनिया
भर
में
तेल
रिफाइनिंग
पर
संकट
से
रिलायंस
को
कैसे
फायदा
हो
रहा
है?