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सामने आई सूरज से 40 लाख गुना बड़े 'ब्लैक होल' की पहली तस्वीर, नाम है सैजिटेरियस ए ,जानिए खास बातें?

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न्यूयार्क, 13 मई। आकाश गंगा में अनेकों राज छुपे हुए हैं, ये हमेशा से वैज्ञानिकों के बीच उत्सुकता का विषय रहा है, इसके बारे में वक्त-वक्त पर अक्सर हैरान कर देने वाली बातों का पता भी चलता रहता है। ताजा मामले में खगोल वैज्ञानिकों ने सैजिटेरियस ए नाम के ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है, जो कि हमारे सूरज के द्रव्यमान से करीब चालीस लाख गुना बड़ा है और मात्र कुछ सेंकड के लिए ही दिखता है। तस्वीर को इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) कलैबरेशन की टीम ने जारी किया है, जिसकी दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने तारीफ की है।

सौरमंडल से करीब 26,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित

सौरमंडल से करीब 26,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित

यह तस्वीर काफी नजदीक से ली गई है। तस्वीर में आप घने प्रकाश के बीच में ब्लैक रंग का प्वाइंट देख सकते हैं, यही प्वाइंट ब्लैक होल है। हालांकि ये होल हमारे सौरमंडल से करीब 26,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है इसलिए खतरे की बात नहीं है।

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जानिए कुछ खास बातें

जानिए कुछ खास बातें

  • 'सैजिटेरियस ए' दूसरी ब्लैक होल की तस्वीर है।
  • पहली ब्लैकहोल की तस्वीर साल 2019 में सामने आई थी।
  • पहले ब्लैकहोल की तस्वीर M87 की थी।
  • M87 हमारे सूर्य के द्रव्यमान के 6.5 बिलियन गुना से एक हजार गुना बड़ा था।
ब्लैक होल क्या है?

ब्लैक होल क्या है?

दरअसल अंतरिक्ष के अंदर ब्लैक होल वो जगह है, जहां पर भौतिक का कोई नियम काम ही नहीं करता है और यहां पर अगर कोई चीज एक बार चली गई तो कभी भी वापस नहीं आती है।महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सन् 1916 में अपने सापेक्षता के सिद्धांत में ब्लैक होल का वर्णन किया है। इसके अंदर कई सितारे एक साथ समा सकते हैं। माना जाता है कि जब एक तारे का अंत होता है तब ब्लैक होल की उत्पत्ति होती है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को भी ग्रहण कर लेता है और यहां से प्रकाश की भी वापसी नहीं होती है।

क्या है इवेंट होराइजन टेलीस्कोप?

जब एक तारा अपनी संकुचन अवस्था में होता है तो उस पर प्रकाश आना बंद हो जाता है इसे 'होराइजन' अवस्था कहा जाता है,इस इवेंट की तस्वीर लेना बहुत मुश्किल होता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) को बनाया गया है। इस टेलिस्कोप में विश्व की आठ बड़ी रेडियो दूरबीनों को संयोजित करके फोटो ली जाती है। इस तरह से तस्वीर लेने की तकनीक को वेरी लोंग बेसलाइन इंटरफेरोमेट्री या वीएलबीआई कहते हैं।

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English summary
The first picture of a Sagittarius A black hole out, its 40 lakh times bigger than the sun surfaced, Know everything about it.
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