यूक्रेन में हीरो बना 15 साल का यह लड़का, ड्रोन उड़ाकर 20 टैंक और ट्रक नष्ट कर डाले
पूरे देश में 15 साल के एंड्री पोक्रासा और उसके पिता की चर्चा है जिन्होंने मिलकर चोरी छिपे हवाई टोही के रूप में काम कर रूसी सेना को खूब क्षति पहुंचाई।
कीव, 13 जूनः यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के 100 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। यह युद्ध पहले से ही कई अनकही त्रासदियों और जीवन की हानि को खतरनाक रफ्तार से बढ़ते हुए देख चुका है। हालांकि, युद्ध ने कई दुर्लभ वीरों की कहानियां भी दी हैं। एक ऐसी ही कहानी यूक्रेन के 15 वर्षीय किशोर की है जिसने अपनी ड्रोन उड़ाने की क्षमता के कारण कीव में रूसी सेना के छक्के छुड़ा दिए।
पूरे देश में हो रही चर्चा
पूरे देश में 15 साल के एंड्री पोक्रासा और उसके पिता की चर्चा है जिन्होंने मिलकर चोरी छिपे हवाई टोही के रूप में काम कर रूसी सेना को खूब क्षति पहुंचाई। 15 साल के एंड्री पोक्रासा ने पिता स्टानिस्लाव के साथ मिलकर रूसी टारगेट का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए अपने ड्रोन का इस्तेमाल किया। यूक्रेन की राजधानी कीव के पास जैसे ही रूसी टैंक और ट्रक उनके गांव के करीब पहुंचे, पोक्रासा ने चुपके से अपने छोटे ड्रोन को हवा में उड़ा दिया। ड्रोन की मदद से पोक्रासा ने बख्तरबंद टैंक की विहंगम फोटो लीं और यूक्रेनी सेना को भेज दीं। इस जानकारी के आधार पर कुछ ही मिनटों में रूसी सैनिकों को खदेरने में और उनके हथियार नष्ट करने में सफलता हासिल की
किया जाएगा सम्मानित
15 वर्षीय एंड्री पोक्रासा और उनके पिता स्टानिस्लाव को आक्रमण के शुरुआती दिनों में उनके वालेंटियर हवाई टोही काम के लिए यूक्रेन में सम्मानित किया जा रहा है। 24 फरवरी के रूस के आक्रमण के बाद पूरे एक सप्ताह तक पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने यूक्रेनी सेनाओं को मदद पहुंचाई। इस बारे में एंड्री पोक्रासा ने बताया कि ये मेरे जीवन के कुछ सबसे डरावने क्षण थे। वहीं पोक्रासा के 41 वर्षीय पिता स्टानिस्लाव पोकरासा ने कहा कि मैं ड्रोन का संचालन कर सकता हूं, लेकिन मेरा बेटा इसे मामले में बहुत बेहतर करता है।
कम से कम 20 टैंक हुए नष्ट
हालांकि यह सुनिश्चित नहीं हैं कि उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारी का उपयोग करके कितने रूसी टारगेट नष्ट किए गए। लेकिन जहां तक टैंकों की बात है इन बाप-बेटे की जोड़ियों ने कम से कम 20 टैंकों और ट्रकों को नष्ट करने में यूक्रेनी जवानों को मदद पहुंचायी। इस अवधि में ही रूसी और यूक्रेनी सेनाओं ने कीव के बाहरी इलाके पर नियंत्रण के लिए जमकर लड़ाई लड़ी। यूक्रेनी सैनिकों ने आखिरकार पोकरसा परिवार से अपना गांव छोड़ने का आग्रह किया, जिस पर बाद में रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया।
काम से खुश हैं एंड्री
इसके बाद एंड्री अपने परिवार के साथ पोलैंड चले गए, लेकिन कुछ हफ्तों के बाद ये वापस यूक्रेन आ गए। एंड्री कहते हैं कि मैं खुश था कि हमने टैंकों और ट्रक को नष्ट कर दिया। मैं खुश था कि मैंने योगदान दिया कि मैं कुछ करने में सक्षम था। सिर्फ बैठे और इंतजार नहीं किया।
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