तालिबान की बहुत बड़ी जीत की खबर, अफगानिस्तान सरकार के हाथ से छीने दो बेहद अहम राज्य, देखें वीडियो
अलजजीरा के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान के निमरूज प्रांत के जरांज शहर पर कब्जा कर लिया है, वहीं हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह पर भी तालिबान के कब्जे की खबर है।
काबुल, अगस्त 07: अफगानिस्तान में तालिबान को बहुत बड़ी जीत मिलने की खबर आ रही है। अंतर्राष्ट्रीय न्यूजपेपर अलजजीरा ने तालिबान के हवाले से दावा किया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के दो बड़े प्रांतों की राजधानी पर कब्जा कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने निमरूज प्रांत और हेलमंद प्रांत को अपने कब्जे में ले लिया है और वहीं निमरूज की राजधानी जरांज शहर पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2001 में अफगानिस्तान की सत्ता से बेदखल हो जाने के बाद ये पहला मौका है, जब तालिबान ने किसी प्रांत की राजधानी पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
राज्य की राजधानी पर कब्जा
अलजजीरा के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान के निमरूज प्रांत के जरांज शहर पर कब्जा कर लिया है, जिससे यह पहली प्रांतीय राजधानी बन गई है, जिसे तालिबान ने अफगान सरकार से छीन लिया है। जरांज शहर का तालिबान के कब्जे में आना, अफगान सरकार के लिए इसलिए बड़ा झटका है, क्योंकि ये रणनीतिक तौर पर काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है और अफगिस्तान के दो प्रांतों को ये जोड़ता है। लिहाजा माना जा रहा है कि कुछ दिनों में दो और प्रांत पर तालिबान कब्जा कर सकता है। वहीं, अलजजीरा ने कई सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में स्थित निमरूज़ प्रांत की राजधानी ज़ारंज शुक्रवार को ही तालिबान के हाथों में चली गई थी।
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लश्कर गाह पर नियंत्रण
वहीं, अलजीजरा ने दावा किया है कि तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह शहर पर कब्जा कर लिया है। 2001 में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा उखाड़ फेंके जाने के बाद सख्त इस्लामी कानून को फिर से लागू करने के लिए संघर्ष करते हुए तालिबान ने अमेरिका समर्थित सरकार को हराने के लिए अपने अभियान को काफी तेज कर दिया है। तालिबान ने हाल के महीनों में दर्जनों जिलों और सीमाओं पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। वहीं, कई प्रांतीय राजधानियों पर काफी दबाव आ गया है और कई प्रांतों पर तालिबान के कब्जे का खतरा है। जिसमें पश्चिम में हेरात और दक्षिण में कंधार शामिल हैं, क्योंकि इन जिलों से लगातार विदेशी सैनिक निकल रहे हैं और अफगान सैनिक या तो पोस्ट छोड़कर भाग जा रहे हैं, या फिर सरेंडर कर दे रहे हैं।
जरांज जीतना तालिबान की जीत
फरवरी 2020 में तालिबान के बीच हुए समझौते के बाद अमेरिकी सैनिकों ने जरांज को खाली कर दिया था और फौज निकलने के बाद अफगान सैनिकों ने जरांज की सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली थी। लेकिन, 6 महीने के अंदर ही जरांज पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो गया है। पिछली बार 2016 में तालिबान द्वारा एक प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया गया था। उस वक्त कुंदुज पर कुछ समय के लिए तालिबान ने नियंत्रण जमाया था, लेकिन कुछ ही दिनों में अमेरिकी सैनिकों ने तालिबान को खदेड़ दिया था। वहीं, निम्रूज पुलिस के एक प्रवक्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ''अफगानिस्तान सरकार की कमजोर स्थिति और खराब रणनीति का फायदा तालिबान ने उठाया है।''
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अफगानिस्तान सरकार को नुकसान
राजधानी जरांज पर कब्जा जमाने के बाद अलजजीरा से बात करते हुए तालिबान के सूत्रों ने कहा है कि ''तालिबान के लोग जश्न मना रहे हैं और इससे तालिबानी लड़ाकों का मनोबल बढ़ा है''। वहीं, तालिबान के एक कमांडर ने रॉयटर्स को नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ''राजधानी जरांज का सामरिक महत्व है, क्योंकि इसकी सीमा ईरान से लगती है''। तालिबानी कमांडर ने दावा करते हुए कहा कि ''ये तो अभी शुरूआत है, आप देखेंगे कि बहुत जल्द दूसरे प्रांत भी हमारे कब्जे में होंगे''। वहीं अल जज़ीरा के डिप्लोमेटिक एडिटर जेम्स बे ने काबुल से रिपोर्ट करते हुए कहा कि, तालिबानी हमले में जरांज शहर को काफी नुकसान पहुंचा है, लेकिन तालिबान के लिए जरांज शहर को जीतना एक बहुत बड़ा डेवलपमेंट है''। उन्होंने कहा कि ''तालिबान ने जरांज शहर के एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया है और उन्होंने सभी महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तरों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है''।
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अमेरिकी सामानों पर कब्जा
जरांज शहर पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अपने लड़ाकों की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं। अल जज़ीरा के डिप्लोमेटिक एडिटर जेम्स बे ने लकहा कि ''तालिबान के लड़ाकों ने अमेरिकी गाड़ियों पर कब्जा कर लिया है और वो अमेरिकी गाड़ियों पर अब शहर में गश्त कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अफगान सुरक्षा बलों से भी हथियार छीन लिए हैं।'' वहीं, तालिबान ने शुक्रवार को मीडिया में एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि उसने जरांज की जेल से सभी कैदियों को रिहा कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने भी कहा कि उन्होंने प्रांतीय खुफिया मुख्यालय पर नियंत्रण कर लिया है। तालिबान ने अपने लिखित दावे के साथ-साथ मीडिया को तस्वीरें और वीडियो भी भेजे हैं। जिसमें उसके लड़ाके सरकारी इमारतों के आसपास और प्रांत के प्रवेश द्वार पर दिखाई दे रहे थे। एक तस्वीर में प्रांतीय गवर्नर के परिसर के बाहर तालिबान के लड़ाके दिखाई दे रहे हैं।
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कितना महत्वपूर्ण है जरांज
जरांज शहर में करीब 63 हजार लोग रहते हैं। और अफगानिस्तान का ये दूर इलाका माना जाता है, जो ईरान सीमा के नजदीक है। लेकिन सीमावर्ती प्रांत होने की वजह से ये व्यापार के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यहां से बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों की तस्करी, स्मगलिंग और ड्रग्स का भी कारोबार होता है, जिसपर अब तक छोटे-छोटे ग्रुप्स का कब्जा था, लेकिन अब तालिबान ने उसपर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही तालिबान ने सरकारी व्यापार का टैक्स अपने खजाने में रखने का फैसला किया है। यानि, जरांज से अब अफगान सरकार को व्यापार टैक्स नहीं मिलेगा। निम्रूज़ प्रांत ईरान और पाकिस्तान के साथ एक सीमा साझा करता है, और ज़ारंज को युद्धग्रस्त देश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहरों में से एक माना जाता है। हेलमंद नदी, अफगानिस्तान में सबसे बड़ी नदियों में से एक नदी, भी इसी शहर से होकर ईरान में जाती है।
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जरांज से लोगों का पलायन
इससे पहले शुक्रवार को, देश के सबसे बड़े निजी समाचार चैनल टोलोन्यूज ने मोबाइल फोन फुटेज जारी किया था, जिसमें टोलो न्यूज ने दिखाया कि जरांज पर तालिबान के आने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग जरांज से ईरान की तरफ भाग रहे हैं। इनमें बच्चे, महिलाएं और युवा भी हैं, जो एक झटके में रिफ्यूजी बन चुके हैं। वीडियो में ईरानी सीमा पुलिस को सीमा पार सुरक्षा की मांग कर रहे लोगों की भीड़ को वापस करते हुए देखा जा सकता है। इससे पहले तालिबान ने कंधार और हेरात में सीमा क्रॉसिंग पर नियंत्रण कर लिया था, जिसने स्थानीय सामानों की कीमतों को काफी बढ़ा दिया है और तालिबान को पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के बीच चलने वाले वाहनों से टैक्स लेने का अधिकार भी मिल गया है।
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