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जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान जिम्मेदार: मीडिया रिपोर्ट्स

जमाल ख़ाशोज्जी पत्रकार और लेखक थे. वो दशकों तक सऊदी अरब के शाही परिवार के क़रीब थे और सरकार के सलाहकार भी रह चुके थे.

शाही परिवार से दूरी होने के बाद वो बीते साल अमरीका चले गए थे और निर्वासित जीवन बिता रहे थे. वो वॉशिंगटन पोस्ट में मासिक कॉलम लिखते थे. इस कॉलम में वो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की नीतियों की आलोचना करते थे.

By BBC News हिन्दी
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जमाल ख़ाशोज्जी
AFP/Getty Images
जमाल ख़ाशोज्जी

अमरीकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, अमरीकी गुप्तचर संस्था सेन्ट्रल इन्टेलिजेन्स एजेन्सी यानी सीआईए का मानना है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ही पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या का आदेश दिया था.

एजेंसी के क़रीबी सूत्रों ने कहा है कि उन्होंने तमाम सबूतों का विस्तृत अध्ययन किया है. अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के अभियान में प्रिंस की अनुमति आवश्यक होगी.

सऊदी अरब ने सीआईए के इस दावे को झूठा बताया है और साथ ही यह भी कहा कि क्राउन प्रिंस को हत्या की योजनाओं की कोई जानकारी नहीं थी.

2 अक्तूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में ख़ाशोज्जी की हत्या हो गई थी. लेकिन उनकी डेड बॉडी नहीं मिली.

तुर्की ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हत्या का आदेश ऊपर से आया था. यह नवीनतम दावा उस वक़्त आया जब सऊदी अरब में पत्रकार ख़ाशोज्जी की हत्या पर शोक सभा का आयोजन किया जा रहा था.

वॉशिंगटन पोस्ट, जिसके लिए ख़ाशोज्जी काम करते थे, उसका कहना है कि सीआईए का आंकलन कुछ हद तक प्रिंस के भाई और अमरीका में सऊदी अरब के राजदूत ख़ालिद बिन सलमान के किए गए फ़ोन कॉल पर आधारित था.

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद-बिन सलमान
Getty Images
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद-बिन सलमान

क्या हैं सबूत?

प्रिंस ख़ालिद ने कथित तौर पर अपने भाई के निर्देश पर ख़ाशोज्जी को यह आश्वासन दिया कि वो वाणिज्य दूतावास में सुरक्षित रहेंगे.

हालांकि, सऊदी दूतावास ने इस बात से साफ़ इनकार किया है कि प्रिंस ख़ालिद ने ख़ाशोज्जी के साथ तुर्की की किसी संभावित यात्रा पर चर्चा की थी.

न तो व्हाइट हाउस और न ही अमरीकी विदेश विभाग ने सीआईए की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्हें सीआईए के नतीजों के बारे में सूचित किया गया है.

यह भी साफ़ है कि सीआईए एजेंट्स ने ख़ाशोज्जी की हत्या करने वाली टीम के एक वरिष्ठ सहयोगी के प्रिंस सलमान को किए गए कॉल की भी जांच की है.

अमरीकी मीडिया में बताए गए सूत्रों के मुताबिक़ जितने भी सबूत मिले हैं उनमें से कोई भी इस हत्या के लिए सीधे तौर पर प्रिंस सलमान की ओर इस इशारा नहीं करता है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के ऑपरेशन के लिए उनकी मंज़ूरी की आवश्यकता होगी.

वॉशिंगटन पोस्ट के एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा, "स्वीकार्य स्थिति यह है कि बग़ैर उनकी जानकारी या उनके शामिल हुए ऐसा किया जाना संभव नहीं हो सकता है."

ख़ाशोज्जी
Getty Images
ख़ाशोज्जी

ख़ाशोज्जी पर क्या कहता है सऊदी अरब?

गुरुवार को रियाद में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सऊदी अरब के डिप्टी सरकारी अभियोजक शालान बिन राज़ी शालान ने कहा कि पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या एक वरिष्ठ ख़ुफ़िया अधिकारी के आदेश पर हुई थी और इसमें क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का हाथ नहीं था.

हालांकि, उन्होंने इतना ज़रूर बताया कि जिस व्यक्ति ने ख़ाशोज्जी की हत्या का आदेश दिया था वह उस टीम के प्रमुख थे. साथ ही उन्होंने कहा कि क्राउन प्रिंस को इस हत्या की कोई जानकारी नहीं थी.

उनका कहना है कि ख़ाशोज्जी 2 अक्टूबर के दिन इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में पहुंचे थे जहां कुछ लोगों के साथ हुई हाथापाई के बाद उन्हें जानलेवा इंजेक्शन लगा दिया गया था.

सरकारी अभियोजक ने कहा कि हत्या के बाद ख़ाशोज्जी के शरीर को अलग-अलग हिस्सों में बिल्डिंग के बाहर लाया गया.

इस मामले में अब तक कुल 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि दो उच्च अधिकारियों को उनके पद से हटाया गया है.

अभियोजक ने इसमें 11 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है और जिसमें से पांच को मौत की सज़ा देने की गुज़ारिश की है.

सीसीटीवी वीडियो में जमाल ख़ाशोज्जी
HO via AFP
सीसीटीवी वीडियो में जमाल ख़ाशोज्जी

ख़ाशोज्जी की हत्या कैसे की गई?

ख़ाशोज्जी की मौत कैसे हुई, इसे लेकर अब तक एक राय नहीं बन सकी है. वो अपनी शादी से जुड़े काग़ज़ात के सिलसिले में इस्तांबुल स्थित सऊदी के वाणिज्यिक दूतावास गए थे.

शुरुआत में तुर्की मीडिया ने एक सूत्र के हवाले से दावा किया था कि तुर्की के पास ऐसी ऑडियो रिकॉर्डिंग है जिससे साबित होता है कि हत्या के पहले ख़ाशोज्जी को टॉर्चर किया गया था.

हालांकि, उसके बाद तुर्की ने दावा किया कि ख़ाशोज्जी के दूतावास में दाख़िल होते ही उनकी गला दबाकर हत्या कर दी गई और उनका शव 'पहले से तैयार योजना के तहत' ठिकाने लगा दिया गया.

ख़ाशोज्जी का शव नहीं मिला और तुर्की के अधिकारियों का दावा किया कि इसे तेज़ाब की मदद से गला दिया गया था.

सरकारी अभियोजक के प्रेस वार्ता के बाद तुर्की के विदेश मंत्री मेव्लुत चोवाशुग्लू ने कहा कि उनके उत्तर 'संतोषजनक नहीं हैं.'

उन्होंने कहा, "उनका कहना है कि ख़ाशोज्जी के साथ हाथापाई हुई जिसके बाद उनकी हत्या की गई. लेकिन ये पहले से सोच समझ कर की गई हत्या थी."

"उनका कहना है कि ख़ाशोज्जी के शव के टुकड़े किए गए... लेकिन ये कोई आसानी से किया जाने वाला काम तो नहीं. इसके लिए ज़रूरी औज़ार लाए गए होंगे और लोग भी बुलाए गए होंगे ताकि उन्हें मारा जा सके और उनके टुकड़े किए जा सकें."

दूतावास के बाहर लगा सीसीटीवी कैमरा
AFP/Getty Images
दूतावास के बाहर लगा सीसीटीवी कैमरा

तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि हत्या के कुछ घंटों पहले ही क़रीब 15 सऊदी एजेंट इस्तांबुल पहुंचे थे जिनमें से एक सऊदी गृह मंत्रालय के साथ काम करने वाले फ़ॉरेंसिक पैथोलॉजिस्ट थे और इन लोगों के पास हड्डियां काटने के औज़ार थे.

मेव्लुत चोवाशुग्लू का कहना है, "इस मामले में आदेश देने वाले और उसे उकसाने वाले का नाम सामने लाया जाना चाहिए और किसी भी तथ्य को छिपाने की कोई कोशिश नहीं की जानी चाहिए."

जमाल ख़ाशोज्जी पत्रकार और लेखक थे. वो दशकों तक सऊदी अरब के शाही परिवार के क़रीब थे और सरकार के सलाहकार भी रह चुके थे.

शाही परिवार से दूरी होने के बाद वो बीते साल अमरीका चले गए थे और निर्वासित जीवन बिता रहे थे. वो वॉशिंगटन पोस्ट में मासिक कॉलम लिखते थे. इस कॉलम में वो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की नीतियों की आलोचना करते थे.

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English summary
Saudi Prince Crown Prince Salman responsible for the murder of Jamal Khashojji Media reports
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