मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर, अब सऊदी अरब ने किया यमन पर अटैक
सना। मिडिल ईस्ट में बहुत कुछ सही नहीं चल रहा है। सऊदी अरब ने यमन की राजधानी सना पर अटैक कर मिडिल ईस्ट को एक बार फिर युद्ध संकट की ओर धकेल दिया है। सऊदी अरब ने शुक्रवार शाम को सना पर दो हमले किए हैं, जिसमें तीन नागरिकों के घायल होने की पुष्टी की गई हैं। इस हमले में यमन डिफेंस मिनिस्ट्री को निशाना बनाया गया था।
यमन में हुती विद्रोहियों के मीडिया संगठन अल-मसिराह के मुताबिक, हवाई हमलों से रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया। एक हमला रक्षा मंत्रालय के नजदीक घर पर भी हुआ है। प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद आतिफ ने कहा, 'मैं मेरे घर में बैठा था, तभी मैंने रक्षा मंत्रालय के ऊपर एक हमला होते हुए देखा। उसके कुछ मिनटों बाद एक और हमला मेरे घर के पास हुआ।' आतिफ ने कहा कि हमला इतना खतरनाक था कि इससे मेरा पूरा घर हिल गया।
पिछले सप्ताह सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मिसाइल से अटैक कर हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद सऊदी ने यमन की सीमाओं के सारे रास्ते बंद कर दिए थे। इस अटैक से पहले सऊदी ने अपने नागरिकों को यमन छोड़ने को कहा था।
अरब वर्ल्ड में यमन बेहद ही गरीब मुल्क है, जिसकी सीमाएं सऊदी अरब और ओमान से लगती है। यमन में शिया विद्रोही, जिन्हें हुती भी का जाता है। यमन में हुती विद्रोहियों ने सितंबर 2014 से ही राजधानी सना पर अपना कब्जा जमाया हुआ है। 2015 से यमन में हुती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के गठबंधन देशों ने जंग छेड़ी हुई है, समें हजारों बेगुनाह लोगों को मारा जा चुका है और लाखों को अपना मुल्क छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
सऊदी अरब का आरोप है कि यमन में हुती विद्रोहियों को ईरान हथियार उपलब्ध करवाता है। वहीं, ईरान हमेशा इस बात का खंडन करता आया है। बता दें कि हाल ही में लिबिया के प्रधानमंत्री ने अपने सऊदी अरब के दौरे पर ईरान पर हमला बोलते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
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