SCO काउंसिल समिट में एस. जयशंकर ने किया भारत का प्रतिनिधित्व, कहा- चाबहार बंदरगाह डेवलप हो तो बढ़ेगा व्यापार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एससीओ काउंसिल ऑफ गवर्नमेंट ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। सरकार के प्रमुखों की एससीओ परिषद की 21 वीं बैठक वर्चुअल रूप में आयोजित की गई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एससीओ काउंसिल ऑफ गवर्नमेंट ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। सरकार के प्रमुखों की एससीओ परिषद की 21 वीं बैठक वर्चुअल रूप में आयोजित की गई थी। इस बार की एससीओ सीएचजी बैठक संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित थी।
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बैठक के बाद विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को देखते हुए एससीओ क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर इस क्षेत्र में आर्थिक क्षमता की संभावनाओं के रास्ते खोलेगा। इन कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सदस्य राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए।
SCO के साथ भारत का व्यापार 141 अरब डॉलर
डॉ. जयशंकर ने कहा, एससीओ सदस्यों के साथ हमारा कुल व्यापार 141 अरब डॉलर का है, जिसके कई गुना बढ़ने की संभावना है। उचित बाजार पहुंच हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है और आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगले साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाएगा। भारत खाद्य संकट का मुकाबला करने के लिए एससीओ सदस्य देशों के साथ और ज्यादा सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है।
अक्टूबर में हुआ था शिखर सम्मेलन
शंघाई सहयोग सगंठन (एससीओ) की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों ने एक शिखर सम्मेलन में की थी। इन वर्षों में यह दुनिया के सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने थे। वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन पिछले महीने उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और समूह के अन्य नेताओं ने भाग लिया था।