INF से संधि से बाहर हुए अमेरिका ने बढ़ाई यूरोप की मुश्किलें, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दी निशाना बनाने की धमकी
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूरोपियन देशों को धमकी दी है और कहा है कि अगर यूरोप के किसी देश ने अमेरिका की परमाणु मिसाइलों को अपने देश में जगह दी तो उन्हें निशाना बनाया जाएगा। पुतिन ने कहा है कि अमेरिका ने रूस के साथ शीत युद्ध के समय की अहम मिसाइल संधि को खत्म कर दिया है। पुतिन ने कहा है कि इसके बाद यूरोपियन देशों के लिए बेहतर होगा कि वे अमेरिकी मिसाइलों को अपनी सरजमीं पर जगह देने से बचें। पुतिन ने यह बात उस समय कही जब वह इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप्पे कोंटे के साथ एक ज्वॉइन्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। पुतिन ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रूस के साथ हुई इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि को खत्म करने की योजना पर बात करना चाहते थे जोकि काफी खतरनाक प्लान है।
रूस अपनी तरह से जवाब देने के लिए स्वतंत्र
रूस और अमेरिका के बीच सन् 1987 में आईएनएफ संधि हुई थी। रूस ने कहा है कि ट्रंप की ओर से इस संधि को खत्म करने का फैसला काफी खतरनाक है। ट्रंप ने रूस पर संधि के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। वहीं रूस ने इन आरोपों को दरकिनार करके अमेरिका पर इसी तरह का इल्जाम लगा दिया है। इस संधि के तहत दोनों देशों की कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों को यूरोप के देशों में तैनात किया गया था। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) जॉन बोल्टन ने मंगलवार को पुतिन को जानकारी दी है कि अमेरिका, रूस और कुछ यूरोपियन देशों के विरोध के बाद भी इस संधि को छोड़ रहा है। पुतिन ने बुधवार को मीडिया को बताया कि अगर अमेरिका संधि से निकला तो रूस अपनी तरह से इसका जवाब देगा।
अमेरिका और यूरोप को आइना दिखाएगा रूस
पुतिन ने कहा कि अगर ट्रंप ने संधि को छोड़ने का फैसला किया तो फिर रूस जवाब दे सकता है जो कि काफी तेज और काफी प्रभावी होगा। पुतिन ने कहा, 'अगर अमेरिका आईएनएफ संधि से बाहर निकला तो बड़ा सवाल होगा के वह इन मिसाइलों का क्या करेंगे।' पुतिन ने आगे कहा कि अगर अमेरिका ने इन मिसाइलों को यूरोपियन देशों को दिया तो फिर रूस की प्रतिक्रिया अमेरिका को शीशा दिखाने वाली होगी। जो भी यूरोपियन देश इन मिसाइलों को अपने यहां जगह देगा उन्हें रूस का जवाब झेलने को तैयार रहना होगा। पुतिन ने यूरोपियन देशों को एक तरह से धमकाते हुए कहा कि यूरोप के देशों को यह समझना होगा कि अपनी सरजमीं पर इन मिसाइलों को तैनात करके वे अपने लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
एक और संधि पर बढ़ा खतरा
पुतिन ने कहा कि उन्हें यह बात समझ में नहीं आ रही है कि यूरोप को इस तरह से खतरे में क्यों डाला जा रहा है जबकि रूस खुद इस तरह के हालातों से बचना चाहता है। वहीं दूसरी ओर नाटो के एक टॉप ऑफिसर ने भी रूस पर संधि तोड़ने का आरोप लगाया है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगतार है कि रूस के खतरे के बाद भी अमेरिका, यूरोप में नए सिरे से मिसाइलों को तैनात करेगा। वहीं रूस के पास यह विकल्प है कि वह बाल्टिक सागर पर स्थित कालिनइनग्राड पर अपनी लंबी दूरी की मिसाइल तैनात कर सकता है। पुतिन का कहना था कि दुनिया में अगले कुछ वर्षों में हथियारों की होड़ बढ़ने वाली हैं। पुतिन ने बताया कि अमेरिका और रूस के बीच हुई एक और संधि स्टार्ट जिसके तहत परमाणु मिसाइल लॉन्चर्स को नियंत्रित किया जाता है, वह भी साल 2021 में खत्म हो रही है। अब इसका भविष्य भी अंधेरे में है।