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यूक्रेन के बूचा में मौतें: ‘अच्छा होता कि वो मुझे भी मार देते'

यूक्रेन में बूचा की लड़ाई में हुई तबाही के गवाह बने एक परिवार के बिखरने की कहानी. जब एक दामाद को ससुर के आगे सिर में गोली मार दी गई.

By BBC News हिन्दी
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वोलोडिमीर अब्रामोव बूचा में अपने घर में लगी आग को बुझाने की भरकस कोशिश कर रहे थे. वो अपने जमाई को मदद के लिए भी बुला रहे थे.

रूसी सैनिक वोलोडिमीर के घर के फ़्रंटगेट को तोड़कर अंदर आए और गोलीबारी शुरू कर दी. फिर वो वोलोडिमीर, उनकी 48 वर्षीय बेटी इरयाना और उनके पति ओलेग को खींचकर बाहर ले आए.

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वोलोडिमीर ने बताया कि सैनिक ओलेग को खींचकर गेट से बाहर ले गए और घर के दरवाज़े के भीतर एक ग्रेनेड फेंक दिया. जिसकी वजह से एक ज़ोरदार धमाका हुआ और घर में आग लग गई.

वोलोडिमीर ने आग बुझाने की कोशिश करते हुए ओलेग को मदद के लिए पुकारा. लेकिन जवाब एक चेचेन सैनिक की ओर से आया, "ओलेग अब कभी तुम्हारी मदद नहीं कर पाएगा."

इरयाना कहती हैं कि उन्हें ओलेग का शव घर के बाहर फ़ुटपाथ पर मिला और ये साफ़ था कि उन्हें घुटनों के बल बिठाने के बाद, सर पर गोली मार दी गई थी.

ये बूचा में रूसी सेना के बाहर निकलने के बाद सामने आई कई हत्याओं में से एक है. शहर के मेयर एनाटोली फ़ेडरूक भी कहते हैं कि बूचा में कम से कम 300 लोग मारे गए हैं. लेकिन शहर में हुई मौतों का फ़िलहाल कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है.

रूस ने बूचा में किसी भी किस्म की क्रूरता में संलिप्त होने से इंकार किया है. लेकिन शहर में कई जले हुए रूसी टैंक दिख रहे हैं. शहर के एक चर्च में एक खुली कब्र है जिसमें शव देखे जा सकते हैं. इनमें से कुछ काले बॉडी बैग में है.

सड़कों पर खड़ी कारों में गोलियों के निशान हैं. इनमें से एक कार में शव दिखाई दे रहा है. कई घर गोलीबारी की वजह से ढह गए हैं और घरों के आंगन में टैंकों के निशान साफ़ दिखाई दे रहे हैं.

बिना उकसावे के गोलियां चलाईं

स्थानीय लोगों का कहना है कि रूसी सैनिक बिना किसी उकसावे के आम लोगों पर गोली चला रहे थे. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जिस वक्त शहर पर रूसी कब्ज़ा था, उस वक्त भी सड़कों पर शव पड़े हुए थे.

इरयाना कहती हैं कि जिन रूसी सैनिकों ने ओलेग अब्रामोफ़ को मारा था उन्होंने भी कोई सवाल नहीं पूछा था.

इरयाना कहती हैं, "उन्होंने न कुछ पूछा और न कुछ कहा. बस ओलेग को मार दिया. उन्होंने केवल ओलेग को कमीज़ उतारने और घुटनों के बल बैठने को कहा और गोली मार दी."

जिस जगह पर ओलेग को गोली मारी गई थी वहाँ खड़ी होकर इरयाना बस रोते जा रही हैं. वहां ख़ून का एक गाढ़ा धब्बा स्पष्ट दिख रहा है. जब वो घर से बाहर भागीं और ओलेग की डेड बॉडी को देखा तो उस वक्त चेचेन सैनिक आराम से पानी पीते हुए वहां खड़े थे.

वो चिल्लाईं और बोली कि मुझे भी गोली मार दो. एक सैनिक ने उसकी और बंदूक तानी, फिर झुका ली. दोबारा बंदूक तानी और फिर झुका ली.

इरयाना के पिता वोलोडिमीर कहते हैं, "सैनिकों ने कहा कि हमारे पास भागने के लिए तीन मिनट हैं. हमें चप्पलों में भागना पड़ा. सारा बूचा शहर ख़त्म होता दिख रहा था. हर तरफ़ शव बिखरे हुए थे और गलियों में धुआं उड़ रहा था."

वोलोडिमीर और इरयाना के पास कोई विकल्प नहीं बचा था. दोनों ओलेग के शव को अपने घर के बाहर छोड़कर लगभग एक महीने के लिए अपने रिश्तेदार के घर पर चले गए. जब दोनों वापस लौटे तो वोलोडिमीर ने ओलेग के शव को फुटपाथ के किनारे ही दफ़नाने की कोशिश की. मंगलवार को आधी खुदी कब्र दिख रही थी.

लेकिन कब्र खोदते हुए वे थक गए और रूसी सैनिकों के डर से ओलेग के शव को घर के अंदर ले गए और वहीं आंगन में उसे रख दिया. बाद में यूक्रेन के सैनिक ओलेग के शव को वैन में डालकर ले गए. वोलोडिमीर को नहीं मालूम कि अब वो ओलेग की कब्र कैसे खोजेंगे.

यूक्रेन ने अब बूचा की सड़कों से शवों को हटा दिया है पर अब भी घरों के तहखानों और आंगनों में शव पड़े होने का डर है. यूक्रेन के अधिकारियों ने मरने वालों की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है. बूचा में इतना नुकसान हुआ है कि उसे अपनी पुरानी शान में लौटाने के लिए एक अरसा लग जाएगा.

लगभग हर घर जला

शहर की एक सड़क पर जले हुए रूसी टैंक्स और लगभग हर घर जला हुआ दिख रहा था.

इस सड़क पर 84 साल के रिहोरी ज़ामोहिन्यी सफ़ाई कर रहे थे. पता नहीं कैसे पर उनका घर इस तबाही में बच गया था. इस पूरी सड़क पर एकमात्र यही बिल्डिंग है जिसे कोई नुकसान नहीं हुआ है.

ज़ामोहिन्यी कहते हैं, "मैंने जर्मनी के साथ जंग देखी है और अब रूसियों के साथ. यहां जो भी दिख रहा है वो पाश्विक क्रूरता है."

मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में रूस पर दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे भयंकर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इन अपराधों के लिए वैसे ही मुकदमें चलने चाहिए जैसे नाज़ियों की हिंसा के ख़िलाफ़ चले थे.

यूक्रेन ने बूचा और इरपिन में रूसी कार्रवाई पर एक युद्ध अपराध जांच शुरू कर दी है. यूक्रेन का कहना है कि अब इन जगहों से 410 शव निकाले जा चुके हैं. ऐसी आशंका है कि इस शहर में और प्रताड़नाओं का पता चलेगा. बूचा में और अधिक शव और सामूहिक कब्रों के मिलने का डर भी जताया जा रहा है.

वोलोडिमीर और इरयाना को ओलेग के शव की तलाश है लेकिन शायद वो कभी उसे न खोज पाएं.

वोलोडिमीर कहते हैं, "वे अमन पसंद आदमी था. एक वेल्डर था जिसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर था. उसे मैंने मरने से थोड़ी देर पहले, घुटनों पर बैठे देखा था. वो सैनिकों से पूछ रहा था कि उसे मारा जा रहा है? "

रोडिओन मिरोशिंक ने इस रिपोर्ट में योगदान दिया है. तस्वीरें जोएल गुंटर ने खींची हैं.

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