Russia-Ukraine war:अगला नंबर भारत का होगा, डोनेट्स्क के प्रतिनिधि ने क्यों दी ये चेतावनी ?
डोनेट्स्क, 7 अप्रैल: यूक्रेन में 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी हमले के लिए पूरी दुनिया व्लादिमीर पुतिन को दोषी मानती है और रूस को हमलवार। लेकिन, यूक्रेन के भीतर ऐसे रूस समर्थक लोग भी हैं, जो ना सिर्फ रूसी कार्रवाई के समर्थन में खड़े हैं, बल्कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों का मोहरा बता रहे हैं, जिसके जरिए वे रूस को तबाह करना चाहते हैं। ऐसे लोगों में यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के लोग भी हैं, जिसे रूस ने आजाद मुल्क का दर्जा दिया है। डोनेट्स्क के प्रतिनिधि ने भारत के लोगों से इस लड़ाई में न सिर्फ रूस की सहायता करने की मांग की है, बल्कि चेतावनी दी है कि रूस के बाद पश्चिमी देशों के टारगेट पर भारत ही होगा। इसके लिए उन्होंने भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन विवादों का भी हवाला दिया है।
'पश्चिमी देश रूस को तबाह करना चाहते हैं'
रूस अब यूक्रेन में अपने हमले का फोकस पूर्वी क्षेत्र को कर रहा है, ताकि वह उसके डोनबास इलाके को अपने कब्जे में ले सके। इस माहौल में इंडिया टुडे ने यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के आधिकारिक प्रतिनिधि एडुआर्ड अलेक्जेंड्रोविच बसुरिन से बातचीत की है, जिसमें उन्होंने भारत को लेकर भी चेतावनी दे दी है। गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन के अलगाववाद से प्रभावित इस क्षेत्र को स्वतंत्र डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक का दर्जा दे दिया है। यूक्रेन में रूस समर्थक इस ग्रुप ( डोनेट्स्क पीपुल्स मिलिशिया)के मुखिया ने दावा किया है कि पश्चिमी देश रूस को तबाह करना चाहते हैं और वो यहीं तक नहीं रुकेंगे। इसके बाद वह भारत को टारगेट करेंगे।
भारत की आजादी की भी दिलाई याद
एडुआर्ड अलेक्जेंड्रोविच बसुरिन का कहना है कि अब डोनेट्स्क का 65% इलाका उनके कब्जे में है और 35% यूक्रेनी सेना के नियंत्रण में। इनका दावा है कि यूक्रेनी सेना को नाटो ने सशक्त किया है,ट्रेनिंग दे रखी है, इसलिए वह इलाके में इतनी मजबूती से अभी भी टिके हुए हैं। उनका आरोप है कि जो भी लोग रूसी बोलते हैं, रूसियों के लिए सोचते हैं और यहां तक कि रूसी चर्चों में भी जाते हैं, वे उनके (यूक्रेन के) दुश्मन हैं और इसके नाम पर उनकी हत्या की जा सकती है। यहीं पर उन्होंने अपने क्षेत्र की आजादी की तुलना भारत के इतिहास से करने की कोशिश की है। उनका का कहना है कि ब्रिटिश सेना की ताकत की तुलना में भारत ताकतवर नहीं था, लेकिन अपने लोगों के विश्वास के दम पर वह शक्तिशाली बना, वही स्थिति यहां भी है।
'5% भारतीय भी हमारी मदद के लिए आ जाएं तो हम जीत जाएंगे'
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर जो बातचीत चल रही है, उसमें मारियुपोल को सौंपने की भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शर्त है। बसुरिन का कहना है कि रूसी संघ के अध्यक्ष यानी व्लादिमीर पुतिन ने जो लक्ष्य तय कर रखा है और अगर वह नहीं हो पाया तो यहां पर सीमा की हालत वही होगी, जो कि भारत और पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच है। उन्होंने कहा है कि इस सवाल का हल अभी ही होना चाहिए। उनके मुताबिक अगर 5% भारतीय भी हमारी (रूस की) मदद के लिए आ जाएं तो हम जीत जाएंगे और यह सब खत्म हो जाएगा।
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अगला नंबर भारत का होगा- बसुरिन
डोनेट्स्क के प्रतिनिधि का कहना है कि यह गलत कहा जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है। उनका आरोप है कि 'यह पश्चिमी शक्तियों की ओर से रूसी संघ को तबाह करने की एक कोशिश है। वे यहीं तक नहीं रुकेंगे। भारत अगला होगा, क्योंकि उसके साथ भी यही सारी समस्याएं हैं- क्षेत्रीयता, भाषाई, आस्था आदि।' उनका कहना है कि वे नहीं कह रहे हैं कि भारत आंख मूंद कर उनकी मदद करे। मदद के कई तरीके हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तटस्थ रहना भी मदद ही है।