रूस-यूक्रेन संकट: 75 इंडियंस और अन्य देशों के 57 नाविकों को निकालने में भारतीय दूतावास ने की मदद
कीव, 08 मार्च। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध विराम के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच संकट में फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकालने का अभियान और तेज कर दिया गया है। बीते सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने माइकोलाइव पोर्ट में फंसे 75 भारतीय नाविकों को निकालने में मदद की। भारतीयों के अलावा बसों में 2 लेबनानी और 3 सीरियाई सहित 57 नाविकों को संकट वाले इलाके से निकाला गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी 23 नाविक माइकोलाइव पोर्ट में फंसे हुए हैं, जिन्हें आज यानी मंगलवार को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के सूमी से भारतीय छात्रों को निकालने का अभियान शुरू कर दिया है। सैकड़ों भारतीय छात्र अभी भी सूमी में फंसे हुए हैं, जो भारत के लिए 'गहरी चिंता' का विषय है। भारत ने यूक्रेन और रूस दोनों को स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को तुरंत निकाला जाना चाहिए।
Indian Embassy in Kyiv,Ukraine: "Mission intervened to evacuate 75 Indian sailors stranded in Mykolaiv Port. Y'day buses evacuated 57sailors including 2 Lebanese &3 Syrians. Route constraints precluded evacuation of balance 23sailors. Mission's attempting their evacuation today." pic.twitter.com/o6GZwxfXc8
— ANI (@ANI) March 8, 2022
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सुमी पर हाल के दिनों में जमीन और हवा से हमला किया गया है। यूक्रेन के उपप्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा कि गलियारा सूमी से होलुबिवका और लोकवित्सिया होते हुए मध्य यूक्रेन में पोल्टावा तक जाएगा। अपने एक बयान में इरीना ने कहा, यह सहमति हुई है कि पहला काफिला सुमी शहर से सुबह 10 बजे (0800 GMT) शुरू होगा। निजी वाहनों में स्थानीय लोगों को काफिले के पीछे भेजा जाएगा। फंसे हुए लोगों को निकालने के पिछले प्रयास अब तक विफल रहे हैं। रूस ने सोमवार को युद्धविराम की पेशकश की थी और नागरिकों को भागने में मदद के लिए मानवीय गलियारे खोले थे, लेकिन यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।