यूक्रेन युद्ध में रूस के आधा से ज्यादा टैंक तबाह, अब किन हथियारों की बदौलत जंग जीतेंगे पुतिन?
यूक्रेन को भारी संख्या में अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन से टैंक मिलने वाले हैं और ये अत्याधुनिक टैंक होंगे और रूस अपने आधे से ज्यादा बेस्ट टैंक खो चुका है। तो फिर ये लड़ाई किस दिशा में मुड़ने वाली है?
Russia-Ukraine War: यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए अब एक साल होने वाले हैं और रूस अभी तक युद्ध जीतने में नाकामयाब रहा है, लेकिन इस एक साल में रूस के हथियार भंडार पर बुरी तरह से असर पड़ा है और स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रमुख शोध केंद्र ने कहा है, कि यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस ने अपने सबसे अच्छे टैंकों में से आधे को खो दिया है और अब रूस के पास इतनी क्षमता नहीं है, कि वो अपने बर्बाद हुए टैंकों की जगह पर नये टैंकों को भेज सके।
रूस के आधे से ज्यादा टैंक तबाह
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के मुताबिक, रूस ने 2,000 से 2,300 टैंक खो दिए हैं और रूस को हुआ ये बहुत बड़ा नुकसान है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि इसके कारण मॉस्को को पुराने सोवियत काल के मॉडल पर भरोसा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। IISS के शोध साथी हेनरी बॉयड ने कहा, कि "वे नये टैंकों का उत्पादन तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जितना नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उत्पादन की रफ्तार उतनी ज्यादा नहीं है।" उन्होंने कहा, कि "मोर्चे पर उनका वर्तमान बख्तरबंद बेड़ा युद्ध की शुरुआत में लगभग आधा आकार का था।" हालांकि, आईआईएसएस की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि मास्को की वायु सेना अभी भी काफी हद तक बरकरार है, और देश युद्ध के अगले चरण में इसे और अधिक सक्रिय रूप से तैनात कर सकता है।
पश्चिम से यूक्रेन को मिलने वाले हैं हथियार
रूस के टैंकों को लेकर ये दावा उस वक्त किया गया है, जब यूक्रेन अपने पश्चिमी सहयोगियों से टैंकों का एक नया शिपमेंट प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें उसे अमेरिका से अब्राम, जर्मनी से लियोपार्ड्स और ब्रिटेन से चैलेंजर्स टैंक्स मिलने वाले हैं और कीव का मानना है, कि इन टैंकों के मिलने के बाद वो रूस को भारी नुकसान पहुंचाने के लायक हो जाएगा और ये टैंक रूस को युद्ध में पीछे धकेल सकते हैं। वहीं, यूक्रेन ने भी अपने सहयोगी देशों से लड़ाकू विमान भेजने का आग्रह किया है।
यूक्रेन में अब टैंकों के बीच होगी लड़ाई!
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके ने 30 AS90 155 मिमी ऑटोमेटिक बंदूकों के साथ 14 चैलेंजर-2 टैंकों को भेजने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में भेजा जाने वाला लेटेस्ट सैन्य सहायता 'समर्थन तेज करने की ब्रिटेन की महत्वाकांझा' को दर्शाता है। अगर यूक्रेन में यूनाइटेड किंगडम टैकों को भेजता है, तो फिर वो यूक्रेन युद्ध में टैंकों को भेजने वाला पहला पश्चिमी देश होगा, जो जर्मनी को यूक्रेन युद्ध में अपने लियोपार्ड-2 टैंक भेजने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। हालांकि, यूरोन्यूज की एक रिपोर्ट में पहले ही बताया जा चुका है, कि जर्मनी लियोपार्ड-2 टैंक को जल्द से जल्द 2024 की शुरूआत तक यूक्रेन में भेज सकता है। जर्मन हथियार निर्माता राइनमेटल ने कहा है, कि उसे यूक्रेन के लिए अपने 350 लियोपार्ड-2 टैकों में से कुछ को मरम्मत करने की जरूरत होगी।
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रूस बनाम पश्चिमी देशों के टैंक
रूसी राज्य मीडिया आउटलेट TASS ने पिछले साल दिसंबर में बताया था, कि रूस के लेटेस्ट T-90M Proryv-3 टैंकों का एक बैच यूक्रेन में लड़ाई के लिए भेजा गया है। TASS की रिपोर्ट के मुताबिक, टैंक T-90 का सबसे एडवांस वेरिएंट है, जो सोवियत काल के T-72 का ही नया रूप है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि फिलहाल इस टैंक के जरिए युद्धाभ्यास और ट्रेनिंग का काम सैनिक कर रहे हैं, जिसके बाद वे युद्ध संचालन में शामिल होंगे। माना जा रहा है, कि ये डेललपमेंट यूक्रेन के डोनबास में सोलेदार और बख्तमुख की घेराबंदी करने में काफी अहम योगदान दे सकते हैं। वहीं, रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर क्रूज और अन्य मिसाइलों की बौछार किए हैं और यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है, कि हमलों में से एक 79 साल की महिला की मौत हो गई और कम से कम सात अन्य लोग घायल हो गए हैं।
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