श्रीलंका के पीएम ने विश्व बैंक के साथ की चर्चा, भारत ने डीजल की खेप पहुंचाई
श्रीलंका घोर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद देश के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुईं। ऐसे समय में नवनियुक्त पीएम रानिल विक्रमसिंघे देश को आर्थिक पटरी पर लाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
कोलंबो 16 मई : श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने विश्वबैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधियों के साथ देश में मौजूदा आर्थिक संकट पर चर्चा की। उन्होंने बैठक के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा में दवा, खाद्य और उर्वरक आपूर्ति के मुद्दों पर चर्चा हुई। बता दें कि, भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को 4 लाख मीट्रिक टन (एमटी) ईंधन भेजा है। भारतीय उच्चायोग ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है।
धन
जुटाना
प्राथिमिकता
पीएम
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि
बैंकों
में
डॉलर
की
कमी
के
कारण
सरकार
अब
आवश्यक
धन
जुटाने
के
लिए
अन्य
विकल्पों
पर
विचार
कर
रही
है।
पीएम
ने
आगे
कहा
कि,
संविधान
के
21वें
संशोधन
पर
चर्चा
की
जाएगी
और
इसे
मंजूरी
के
लिए
पेश
किया
जाएगा।
सकारात्मक
वार्ता
पीएम
रानिल
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि,
अंतरराष्ट्रीय
वित्तीय
संस्थानों
की
बैठक
के
साथ
ही
वित्तीय
सहायता
के
लिए
एक
विदेशी
संघ
की
स्थापना
के
संबंध
में
विदेशी
प्रतिनिधियों
के
साथ
भी
वार्ता
हुई
है।
पीएम
ने
कहा
कि
वार्ता
सकारात्मक
रही
है।
उन्होंने
आगे
बताया
कि
आने
वाले
सप्ताह
के
लिए
ईंधन
आवश्यकताओं
के
भुगतान
के
लिए
जरूरी
धन
प्राप्त
करना
सरकार
के
लिए
प्रथिमिक
चुनौती
है।
सिरिसेना
करेंगे
पीएम
का
समर्थन
वहीं,
पूर्व
राष्ट्रपति
और
एसएलएफपी
के
अध्यक्ष
मैत्रिपाला
सिरिसेना
ने
प्रधानमंत्री
विक्रमसिंघे
को
लिखे
पत्र
में
कहा
कि,
उनकी
पार्टी
विक्रमसिंघे
के
सरकार
के
गठन
का
समर्थन
करेगी।
बता
दें
कि,
पीएम
ने
मौजूदा
राजनीतिक
स्थिति
पर
चर्चा
करने
के
लिए
पिछली
सरकार
छोड़ने
वाले
10
दलों
के
नेताओं
को
आमंत्रित
किया।
मिल
रहा
है
समर्थन
जानकारी
के
मुताबिक
श्रीलंका
पोदुजाना
पेरमुना
पार्टी
(एसएलएलपी)
ने
विक्रमसिंघे
को
अपना
समर्थन
दिया
है।
साथ
ही
225
सदस्ययी
संसद
में
प्रतिनिधित्व
करने
वाले
लगभह
सभी
दलों
ने
कहा
है
कि
वे
विक्रमसिंघे
सरकार
के
पक्ष
में
नहीं
होंगे,
लेकिन
वे
श्रीलंका
को
मौजूदा
आर्थिक
संकट
से
बाहर
खींचने
के
उनके
प्रयास
में
उनका
समर्थन
अवश्य
करेंगे।
गौरतलब
है
कि,
श्रीलंका
1948
में
आजादी
के
बाद
से
अपने
सबसे
बुरे
आर्थिक
संकट
से
गुजर
रहा
है।
बता
दें
कि,
श्रीलंका
में
आज
रात
8
बजे
से
कल
मंगलवार
सबुह
5
बजे
तक
कर्फ्यू
लगेगा।
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