सरकारी छुट्टी बढ़ी, ऑफिस में चाय-पानी बंद, शादी में सिर्फ एक डिश... डॉलर बचाने शहबाज शरीफ के बड़े फैसले
ऊर्जा की बढ़ती कीमतें और ब्लैकआउट के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के प्रशासन के लिए ये वक्त एक अग्नि परीक्षा मानी जा रही है, जो राजनीतिक उथल-पुथल की अवधि के बाद अप्रैल में सत्ता में आया था
इस्लामाबाद, जून 08: आर्थिक संकट में फंस चुके पाकिस्तान को बचाने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार ने कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं। जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में अब शनिवार को भी छुट्टी की घोषणा कर दी है। पाकिस्तान में अभी तक शनिवार को भी सरकारी दफ्तार खुले रहते थे, जो अब बंद रहेंगे। वहीं, शहबाज शरीफ की सरकार ने ऑफिस में सरकार की तरफ से कर्मचारियों की मिलने वाले चाय-नाश्ते को भी बंद कर दिया है।
शनिवार को भी सरकारी छुट्टी
पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को छुट्टी बढ़ाने के साथ साथ कई और घोषणाएं की हैं। पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब के अनुसार, अधिकारियों द्वारा उपयोग के लिए नए वाहनों और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों की खरीद बंद कर दी जाएगी। वहीं, सरकारी कार्यालयों को आवंटित ईंधन की मात्रा में 40% की कटौती की जाएगी और अब पाकिस्तान के सरकारी अधिकारियों के विदेशी यात्राओं पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तनी मंत्री ने कहा कि, सरकारी कार्यालयों में ऊर्जा की खपत को 10% कम करने का लक्ष्य लेकर सरकार चल रही है।
चाय-नाश्ते पर भी पाबंदी
इसके साथ ही लंच, डिनर और हाई-टी अब अधिकारियों को नहीं परोसे जाएंगे और सरकार शुक्रवार को अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम डे को अनिवार्य बनाने पर भी विचार करेगी। वैकल्पिक दिनों में स्ट्रीट लाइट बंद करने के लिए प्रांतीय अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। आपको बता दें कि, पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार काफी कम हो चुका है और शहबाज शरीफ की सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार बचाने के लिए कम तेल खरीदने का फैसला लिया है। सरकार की कोशिश है कि, तेल के साथ साथ गैर-जरूरी सामानों की आयात पर भी पाबंदी लगाकर विदेशी मुद्रा भंडार को बचाया जा सकता है।
पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल
ऊर्जा की बढ़ती कीमतें और ब्लैकआउट के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के प्रशासन के लिए ये वक्त एक अग्नि परीक्षा मानी जा रही है, जो राजनीतिक उथल-पुथल की अवधि के बाद अप्रैल में सत्ता में आया था। शरीफ ने चुने जाने के तुरंत बाद शनिवार को लोक सेवकों के लिए कार्य दिवस बना दिया गया था। पाकिस्तान में पिछले 10 महीनों के दौरान ऊर्जा आयात दोगुनी हो गई है, जबकि कुछ निर्यातक उद्योगों को आपूर्ति भी काट दी गई है। वहीं, बिजली के उपयोग पर प्रतिबंध कपड़ा कारखानों सहित प्रमुख क्षेत्रों के लिए और जोखिम पैदा करेगा, जो पाकिस्तान की निर्यात आय का लगभग आधा हिस्सा है। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल की कीमत 60 रुपये बढ़ा दी है।
कितनी बड़े संकट में फंसा है पाकिस्तान?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में ही कहा गया था कि, नकदी की कमी से जूझ रही पाकिस्तान सरकार कार्य दिवसों की संख्या को कम करके ईंधन को बचाने की कोशिश की तरफ सरकार कदम बढ़ा सकती है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार अनुमान लगा रही है कि, अगर कर्मचारियों को हफ्ते में ज्यादा छुट्टियां दी जाएं, तो एक साल में 2.7 अरब डॉलर तक विदेशी मुद्रा बचाया जा सकता है। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का अनुमान है, कि अगर कर्मचारियों को ज्यादा छुट्टियां दी जाती हैं, तो एक साल में 1.5 अरब डॉलर से 2.7 अरब डॉलर तक विदेशी मुद्रा बचाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष (FY22) के पहले 10 महीनों (जुलाई-अप्रैल) के लिए पाकिस्तान का कुल तेल आयात 17 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 96 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शाता है।
रात में शादी करने पर पाबंदी
वहीं, जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल और बिजली बचाने के लिए पाकिस्तान में रात 10 बजे के बाद शादी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जियो न्यूज की आज की रिपोर्ट के मुकाबिक, पाकिस्तान सरकार ने संघीय राजधानी इस्लामाबाद में रात 10 बजे के बाद शादी समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 8 जून से लागू करने का फैसला लिया गया है। जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, ये प्रतिबंध प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्देश पर लागू किया जा रहा है। इसके अलावा, शादी के मेहमानों को केवल एक डिश परोसने की अनुमति दी जाएगी, सूत्रों ने कहा कि इस नए प्रतिबंध पर एक अधिसूचना जारी की जाएगी। इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस और प्रशासन को प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए सूचित किया गया है उल्लंघन करने पर राजधानी प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आर्थिक संकट में फंस गया पाकिस्तान
आपको बता दें कि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त काफी तेजी से बिगड़ रही है और पाकिस्तान को अगर फौरन मदद नहीं मिली, को देश के हालात अगले कुछ महीनों में श्रीलंका जैसे ही हो जाएंगे। कुछ अनुमानों में इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा लगभग 17 अरब डॉलर या उसकी जीडीपी से 4.5% से ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट आई है और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि, फरवरी के अंत में पाकिस्तान के पास 16.3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जिसमें 6 अरब डॉलर और खत्म हो चुके हैं और पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। वहीं, पाकिस्तान की फाइनेंस टीम कतर की राजधानी दोहा में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से दोबारा बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रही है।
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