पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद को अपनी गतिविधियां चलाने की मिली छूट
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और लश्कर ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद को फिर से अपनी गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दे दी है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हाफिज सईद को उसकी जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत नाम की तथाकथित चैरिटी को फिर से संचालित करने के लिए कह दिया है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बैंच ने इसी सप्ताह सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें 5 अप्रैल को हाफिज सईद के चैरिटी पर बैन लगा दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में पाकिस्तान सरकार को भी हाफिज सईदी की इन दोनों चैरिटी और उसके सामाजिक कार्यों में दखल देने से रोक लगाते हुए, उसकी कानूनी गतिविधियों को भी अनुमति दे दी है। जमात उद दावा के चीफ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को 'न्याय व सच्चाई की जीत' माना है।
इसी साल तत्कालीन पाकिस्तान की शाहिद खकान अब्बासी की सरकार ने हाफिज सईद की दोनों चैरिटियों पर बैन लगा दिया था। बता दें कि आतंकी हाफिज सईद की इन दोनों चैरिटी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है।
जमात-उद-दावा के नेटवर्क में 300 सेमिनार और स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एम्बुलेंस सेवा शामिल है। दोनों समूहों में लगभग 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों अन्य भुगतान कर्मचारी हैं। सईद को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 1267 के तहत सूचीबद्ध किया गया था। पिछले साल नवंबर में हाफिज सईद को नजरबंद से रिहा कर दिया गया था।
बता दें कि जमात-उद-दावा को लश्कर का अग्रणी संगठन माना जाता है, जो मुंबई हमलों का जिम्मेदार है। इस हमले में कुल 166 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका ने 2014 में लश्कर-ए-तैयबा को ग्लोबल टेररिज्म की लिस्ट मे डाल दिया था। वहीं, 2012 में हाफिज सईद को अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट मानते हुए उसके सिर के लिए 1 करोड़ रुपये के इनाम रखा था।
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