पाकिस्तान की तेल इंडस्ट्री में मचा हाहाकार, रिफाइनर ने बंद किया प्रोडक्शन, पतन की चेतावनी जारी
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब 3 अरब डॉलर ही बचा है और रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले 276 को पार कर गया है। लिहाजा, अगले कुछ दिनों में पाकिस्तान में महंगाई की सुनामी आ जाएगी।
Pakistan News: भीषण आर्थिक संकट में फंस चुके पाकिस्तान के लिए अब बहुत बुरी खबर दरवाजे पर खड़ी हो गई है और ये संकट पाकिस्तान में हाहाकार मचा रहा है। पाकिस्तान की तेल कंपनियों ने चेतावनी दी है, कि डॉलर की कमी की वजह से और पाकिस्तानी रुपये में लगातार आ रही गिरावट की वजह से तेल इंडस्ट्री "पतन के कगार" पर आ गई है। पाकिस्तान की तेल इंडस्ट्री अगर टूटती है, तो फिर देश की जो स्थिति बनेगी, उसके बारे में सोचना ही सिहरन पैदा करने वाला होगा।
टूटने वाली है तेल इडस्ट्री की रीढ़
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांग को पूरा करने के लिए, पाकिस्तान सरकार ने डॉलर कैप को हटा दिया है, जिसकी वजह से इंटरबैंक मार्केट में पाकिस्तानी रुपया 276.58 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया है। वहीं, ऑयल कंपनी एडवाइजर काउंसिल (OCAC) ने पाकिस्तान के ऑयल एंड गैस रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (OGRA) और पाकिस्तानी ऊर्जा मंत्रालय को इस संकट को लेकर अपने लिखे एक पत्र में कहा है, कि स्थानीय रुपये में अचानक और भारी गिरावट की वजह से तेल इंडस्ट्री को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि उनके लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) को अब नई दरों पर तय किए जाने की उम्मीद है, जबकि संबंधित उत्पाद पहले ही बेचा जा चुका है। इसका मतलब ये हुआ, कि पाकिस्तानी की तेल कंपनियों ने लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए पहले ही तेल खरीदा और उसे बेच भी दिया, लेकिन इस बीच पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 30 प्वाइंट से जारा गिर चुका है, लिहाजा तेल कंपनियों को नई दरों पर तेल बेचना होगा, यानि अरबों रुपये का नुकसान उठाना होगा।
सरकार ने लेटर ऑफ क्रेडिट को भी किया सस्पेंड
वहीं, पाकिस्तान सरकार ने घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण लेटर ऑफ क्रेडिट को भी प्रतिबंधित कर दिया है, जो 27 जनवरी तक 3,086.2 मिलियन डॉलर तक गिर गया था, और जियो न्यूज के मुताबिक, अब सिर्फ 18 दिनों के लिए ही पर्याप्त है। इसके अलावा, पाकिस्तान गंभीर भुगतान संतुलन संकट का सामना कर रहा है और रुपये की गिरती कीमत आयातित वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा रही है। पाकिस्तान विदेशों से जो सामान खरीदता है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा तेल और गैस का होता है। पाकिस्तान आमतौर पर आयातित प्राकृतिक गैस का उपयोग करके अपनी वार्षिक बिजली की मांग का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा पूरा करता है, जिसकी कीमतें यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद बढ़ गई हैं।
भयंकर दबाव में तेल इंडस्ट्री
OCAC ने कहा है, इन नुकसानों की वजह से तेल इंडस्ट्री पर भीषण प्रेशर पड़ा है, जो पहले से ही काफी परेशानियों से जूझता रहा है। लिहाजा, OCAC ने सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है, कि तेल इंडस्ट्री पर आया एक भी झटका, पूरे सेक्टर को तहस-नहस कर सकता है। OCAC ने सरकार को कहा है, कि फौरन इस नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जाए और एक्सचेंज रेट में जो घाटा होने वाला है, उसकी पूर्ति की जाए, नहीं तो स्थिति विकराल हो जाएगी। OCAC ने सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है, कि रुपये की मूल्य में भारी गिरावट की वजह से LC की सीमा रातों-रात 15-20% कम हो गई है। परिषद ने ये भी कहा है, कि पिछले 18 महीनों में तेल की कीमतों में भारी वृद्धि और पाकिस्तानी रुपये के लगातार मूल्यह्रास के कारण, बैंकिंग क्षेत्र से उद्योग के लिए उपलब्ध व्यापार वित्त सीमा भी खत्म हो गई है।
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पतन के कगार पर तेल इंडस्ट्री
जियो न्यूज के मुताबिक, OCAC के एक सहयोगी ने कहा, कि इस संकट के समाधान के लिए अगर तत्काल कोई कदम नहीं उठाए गये, तो तेल इंडस्ट्री पतन कर जाएगा। वहीं, इस चिट्ठी के लिखे जाने के कुछ ही घंटों के बाद पाकिस्तान की तेल रिफाइनरी कंपनी Cnergyico ने पेट्रोलियम डिविजन को सूचित किया है, कि वो एक हफ्ते के लिए अपना ऑपरेशन बंद कर देगी। जियो न्यूज के मुताबिक, बयान में कहा गया है, कि "यह आपके कार्यालय को सूचित किया जाता है, कि Cnergyico रिफाइनरी 2 फरवरी 2023 से बंद हो जाएगी और 10 फरवरी 2023 से उत्पादन फिर से शुरू हो जाएगा।"