FATF की ग्रे लिस्ट से निकले मॉरिशियस और बोत्सवाना, पाकिस्तान को नहीं मिली राहत
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर: आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान खुद को दूध का धुला बताता है, लेकिन हर बार उसकी नई चालें दुनिया के सामने आ जाती हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से निकलने की बहुत कोशिशें कीं, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा। पाकिस्तान को FATF ने फिर से ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है, जबकि दो देश उससे बाहर निकल आए।
FATF ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान लगातार निगरानी (ग्रे लिस्ट) में है। उसकी सरकार को 34 सूत्रीय कार्य योजना दी गई थी, जिसमें से 30 पर ही काम हुआ। इसमें सबसे हालिया कार्य योजना इस साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित थी। FATF के बयान से साफ हो गया है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिस वजह से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए प्रतिबंधित संगठनों तक पैसा पहुंचता रहा। ग्रे लिस्ट में होने से पाकिस्तान को बहुत नुकसान है, क्योंकि उसकी वित्तीय सहायता पर रोक लगी रहेगी।
FATF ने पाकिस्तान के अलावा भी कई देशों पर चर्चा की। जिसमें टर्की, जोर्डन और माली पर फैसला हुआ। तीनों देश FATF के साथ एक्शन प्लान साझा करने पर सहमत हो गए हैं। मामले में टास्क फोर्स के प्रेसिडेंट मार्कस प्लेयर ने कहा कि वो मॉरिशियस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से हटने पर बधाई देते हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी भी अपनी स्थिति उस लिस्ट में बरकरार रखे हुए है। इसके पीछे की वजह मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर दिए गए प्लान पर काम ना करना है।
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पाक
मंत्री
नहीं
पूरा
कर
पाए
वादा
जून
में
एफएटीएफ
द्वारा
पाकिस्तान
को
'ग्रे
लिस्ट'
में
रखने
की
घोषणा
के
बाद
पाकिस्तान
के
मंत्री
हम्माद
अजहर
ने
कहा
था
कि
उनके
देश
ने
27
प्वाइंट्स
में
से
26
को
लागू
कर
दिया
है,
जबकि
आखिरी
को
जल्द
ही
3-4
महीने
के
भीतर
लागू
किया
जाएगा,
लेकिन
पाकिस्तान
ने
आखिरी
प्वाइंट
को
लागू
नहीं
किया
है।