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'पाकिस्तान फिर धोखा देगा', शहबाज ने भारत के दोस्त से की मध्यस्थता की अपील, तो एक्सपर्ट्स ने चेताया

भारत और संयुक्त अरब अमीरात काफी करीबी भागीदार बन गये हैं और दोनों देशों में रक्षा समझौते भी हुए हैं। वहीं, पिछले दिनों सऊदी-पाकिस्तान के ज्वाइंट स्टेटमेंट में कश्मीर मुद्दे का जिक्र तक नहीं था।

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India-Pakistn-UAE

India-Pakistn-UAE: आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान ने भारत से बातचीत शुरू करवाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात से अपील की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अरब देशों के न्यूज चैनल अर अरबिया से बात करते हुए कहा है, कि वो भारत के साथ फिर से बातचीत के टेबल पर वापस आना चाहते हैं और इसके लिए संयुक्त अरब अमीरात से मध्यस्थता करने की पेशकश की है। लेकिन, सवाल ये है, कि क्या भारत को फिर से पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए तैयार होना चाहिए?

पाकिस्तान की यूएई से अपील

पाकिस्तान की यूएई से अपील

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर जैसे मुद्दों को हल करने के लिए भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश करते हुए कहा है, कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेतृत्व से दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने में मदद करने के लिए कहा है। पाकिस्तान के पीएम ने पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक समाचार चैनल अल अरबिया के साथ एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की है। पिछले साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले शहबाज शरीफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान में बवाल मचना तय माना जा रहा है, क्योंकि सत्ता में आने के बाद पहली बार शहबाज शरीफ ने इस तरह की पेशकश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भारत से बातचीत करने की अपील उस वक्त आई है, जब पाकिस्तान आतंकी घटनाओं से बुरी तरह से परेशान हो गया है।

यूएई से पाकिस्तान की अपील का मतलब

यूएई से पाकिस्तान की अपील का मतलब

सबसे दिलचस्प बात ये है, कि कुछ दिन पहले ही संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गये शहबाज शरीफ ने जब यूएई शासन के साथ अपना ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया था, तो उसमें कश्मीर का मुद्दा भी नहीं था और अब शहबाज शरीफ का ये कबूल करना, कि उन्होंने यूएई से अपील की है, कि वो भारत को बातचीत के टेबल पर लाने में मदद करे, पाकिस्तान के रूख में हुए बड़े परिवर्तन को दर्शाता है। खासकर पाकिस्तान अब ये जानता है, कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच काफी अच्छे संबंध हैं, लिहाजा पाकिस्तान अब यूएई के जरिए भारत को बातचीत के लिए मनना चाहता है, लेकिन सवाल ये है, कि क्या भारत की मोदी सरकार, पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए तैयार होगी?

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क्या कहते हैं भारत के एक्सपर्ट्स?

क्या कहते हैं भारत के एक्सपर्ट्स?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भारत को लेकर रूख में आया अचानक का ये परिवर्तन विश्लेषकों को भी हैरान कर रहा है और वो भारत सरकार से सोच-समझकर कदम आगे बढ़ाने की अपील की है। भारत के प्रमुख रक्षा विश्लेषक सुशांत शरीन ने अपने एक ट्वीट में इसी बात का हवाला दिया है। सुशांत शरीन ने अपने ट्वीट में कहा है, कि "मैं यही उम्मीद कर रहा हूं, कि भारत में कोई इस बहकावे में नहीं आएगा।" उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, कि "लेकिन, मुझे संदेह है, कि भारत में कोई ना कोई ऐसा करेगा (पाकिस्तान की बात पर विश्वास)। पृथ्वीराज चौहान सिंड्रोम एक ऐसा अभिशाप है जिसे भारत ने हमेशा झेला है।" उन्होंने आगे लिखा है, कि "किसी भी दुश्मन को आत्महत्या करने से ना रोकें, कभी किसी दुश्मन को परेशानी में मदद ना करो और किसी दुश्मन को लेकर पश्चिमी देशों की दलीलों का ना सुनो।"

'भारत से बहकावे में ना आने की अपील'

वहीं, डिफेंस फोरम इंडिया के एडिटर यूसुफ ऊंझवाला ने भी शहबाज शरीफ की बातचीत की पेशकश को एक तरह का ढोंग करार दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, कि "शांति का प्रस्ताव भेजते वक्त भी परमाणु बम होने की बात करना और हम परमाणु शक्ति वाले देश हैं, इस बात को अपनी दांतों से चबाना...भारत दशकों से ऐसी बातों को झेलते आ रहा है।" उन्होंने लिखा है, कि "भारत के लिए अब कश्मीर कोई मुद्दा नहीं है। भारत के लिए अब असल मुद्दा पीओके है। भारतीय संप्रभुता को लेकर अब भारत कोई डिस्कसन नहीं करेगा और जैसा की भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है, कि एक दिन हमारे कदम पीओके में होंगे।"

पाकिस्तान पर भारत का रूख क्या है?

पाकिस्तान पर भारत का रूख क्या है?

पाकिस्तान को लेकर भारत का रूख लंबे समय से काफी सख्त रहा है। खासकर प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने शुरूआती शासनकाल में पीएम मोदी ने पाकिस्तान से संबंध सुधारने के लिए कई कोशिशें की थीं और उन्होंने नवाज शरीफ के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का भी दौरा भी किया था, लेकिन उसके बाद उरी हमला ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया। भारत ने पाकिस्तान से बातचीत बंद कर दी है। वहीं, इमरान खान के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच के डिप्लोमेटिक संबंध और खराब हो गये। इमरान खान ने पीएम मोदी के खिलाफ लगातार जहरीली बयानबाजी की, वहीं भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपना रूख सख्त करते हुए कह दिया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है, तब तक भारत उससे कोई बातचीत नहीं करेगा।

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English summary
Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif has appealed to the UAE to mediate for talks with India. Know what experts say?
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