पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, हिन्दू महिला असिस्टेंट कमिश्नर को मिली पोस्टिंग, कौन हैं सना रामचंद?
सना रामचंद, सिन्ध इलाके से आती हैं, जो हिन्दू अल्पसंख्यकों के लिए पाकिस्तान का सबसे खतरनाक इलाका है। इस क्षेत्र में अकसर हिन्दू लड़कियों को अगवा किया जाता है और फिर उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है।
Pakistan News: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के साथ अकसर अत्याचार, धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैं, लेकिन पहली बार किसी हिन्दू लड़की को पाकिस्तान में बड़ा सम्मान मिला है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की 27 साल की लड़की सना रामचंद को पोस्टिंग मिल गई है, जो पाकिस्तान की पहली हिन्दू महिला अधिकारी हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सना रामचंद को पंजाब प्रांत के हसनअब्दाल में असिस्टेंट कमिश्नर और प्रशासक नियुक्त किया गया है, जो पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है।
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार
पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है कि अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाली कोई हिंदू लड़की ने प्रतिष्ठित पब्लिक सर्विस परीक्षा सेन्ट्रल सुपिरियर सर्विस यानि सीएसएस पास की हो और अपने नाम का लोहा मनवाया हो। पाकिस्तान की रहने वाली डॉ. सना रामचंद पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के लिए साल 2021 में चुनी गई थीं। भारत के यूपीएससी की तरह ही ये परीक्षा पाकिस्तान की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। डॉ. सना रामचंद एमबीबीएस कर चुकी हैं और सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में प्रैक्टिस भी करती थीं। इसके साथ ही डॉ. सना रामचंद मास्टर्स इन सर्जरी भी कर चुकी हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ही सबसे ज्यादा हिन्दू रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. सना रामचंद उन 221 सफल अभ्यर्थियों में शामिल होने में कामयाब हुई थीं, जिन्हें पाकिस्तान प्रशासनिक विभाग में ऊंचा ओहदा मिला है।
सना रामचंद को मिली पोस्टिंग
मई 2021 में इस कठिन परीक्षा का परिणाम आने के बाद डॉ. सना रामचंद ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'वाहे गुरु जी की खालसा, वाहे गुरु जी की फतह! मुझे ये बताने में बेहद खुशी हो रही है कि अल्लाह की कृपा से मैंने सीएसएस-2020 परीक्षा पास कर लिया है। इसका सारा क्रेडिट मेरे पैरेंट्स को जाता है।' आपको बता दें कि पाकिस्तान में सीएसएस परीक्षा पास करने के बाद उच्चतम रैंक हासिल करने वाले पहले प्रशासनिक विभाग, फिर केन्द्रीय पुलिस बल में शामिल होने का मौका मिलता है। इसके बाद विदेश विभाग आता है। इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थियों को प्रशासनिक विभाग में जाने का मौका मिलता है या अपनी मर्जी से छात्र पुलिस विभाग में भी जा सकते हैं, जहां उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर का पद मिलता है, जो पुलिस महकमें में काफी शक्तिशाली पद माना जाता है। बीबीसी ऊर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. सना रामचंद पाकिस्तान की वो पहली महिला हैं, जो सीएसएस पास करने के बाद पीएएस के लिए चुनी गई थीं।
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सर्जन हैं डॉक्टर सना रामचंद
डॉ. सना रामचंद ने चंदका मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुकी हैं और उन्होंने कराची सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टरी की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसपेरेंट से एफसीपीसी यानि सर्जरी की पढ़ाई भी की है और अब वो सर्जन भी बन चुकी हैं। सितंबर 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, द टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए डॉ. सना रामचंद ने कहा था, कि मेरी शुरूआती पोस्टिंग शिकारपुर के लखी तालुका अस्पताल में महिला चिकित्सा अधिकारी के तौर पर की गई थी। जहां मैंने देखा कि सिंध प्रांत में चिकित्सा व्यवस्था काफी खराब है और लोगों को मामूली बीमारियों के इलाज के लिए भी काफी भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा था, कि सिंध प्रांत के ग्रामीण इलाकों में लोगों को ना दवाइयां मिल पाती हैं और ना ही वहां पर इलाज के लिए डॉक्टर मौजूद होते हैं। अस्पताल में मरीजों की भर्ती के लिए बेड काफी कम होते हैं और बुनियादी सुविधाओं की भी काफी कमी होती है।