ग्लोबल आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान ने पहली बार गद्दाफी स्टेडियम में नहीं पढ़ने दी नमाज
नई दिल्ली। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को कई बरसों में पहली बार पाकिस्तान की सरकार ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में बुधवार को ईद की नमाज का नेतृत्व नहीं करने दिया। गद्दाफी स्टेडियम हाफिज सईद का पसंदीदा स्थान है और वो यहां नमाज के बाद तकरीर में अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलता था और कश्मीर मसले को हवा देता था। इसके स्थान पर सईद ने अपने जौहर टाउन स्थित आवास के नजदीक एक छोटी मस्जिद में जाकर नमाज अदा की। आपको बता दें कि हाफिज सईद पर मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है। संयुक्त राष्ट्र ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है।
गिरफ्तारी के डर से नहीं आया गद्दाफी स्टेडियम
एक अधिकारी ने बताया कि हाफिज सईद गद्दाफी स्टेडियम में ईद की नमाज का नेतृत्व करना चाहता था, लेकिन पंजाब सरकार एक दिन पहले मंगलवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह ऐसा करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद सईद के पास आदेश का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सईद बिना किसी अड़चन के बीते कई वर्षों से स्टेडियम में ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा की नमाज का नेतृत्व कर रहा था। यहां तक कि सरकार भी उसे पुख्ता सुरक्षा भी मुहैया कराती थी।
भारत के कड़े रुख का नतीजा
आतंकवाद पर भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान सरकार इस समय बेहद सावधानी बरत रही है। पाकिस्तान फिलहाल दिखाना नहीं चाहता कि वह किसी आतंकी सरगना या उसके संगठन के साथ खड़ा है या उन्हें सुविधाएं दे रहा है। पाकिस्तान पर इस समय आतंकियों को आर्थिक संरक्षण देने के कारण अंतरराष्ट्रीय संगठन एफएटीएफ की नजर है। संगठन ने उसे ग्रे सूची में भी डाल रखा है।
सईद को 10 दिसंबर 2008 संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित कर दिया था
मुंबई हमलों के बाद सईद को 10 दिसंबर 2008 संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित कर दिया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। समझा जाता है कि JuD लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, जो मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है।
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