'डिफॉल्ट होने का कोई चांस ही नहीं है', कर्ज लेकर कटोरा भरने के बाद गरजा पाकिस्तान
पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने भले ही कह दिया हो, कि उनके देश के डिफॉल्टर होने का कोई चांस ही नहीं है, लेकिन स्थिति पूरी तरह से अलग है। पाकिस्तान गले तक कर्ज में फंसा हुआ देश है।
Pakistan News: एक महीने तक डिफॉल्टर होने और आर्थिक संकट में फंसने के काफी करीब पहुंच चुके पाकिस्तान को जैसे ही उसके सहयोगी देशों ने बचाया, ठीक वैसे ही पाकिस्तान फिर से गरजने लगा है। पाकिस्तान ने कहा है, कि डिफॉल्टर होने का कोई चांस ही नहीं है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है, कि सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में अपने सभी कर्ज का भुगतान करने के लिए तैयार है और पाकिस्तान सरकार तय वक्त पर अपनी बाहरी ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी।
'डिफॉल्ट होने का खतरा नहीं'
पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने कहा कि, "डिफ़ॉल्ट होने का कोई चांस नहीं है। पुनर्भुगतान समय पर किया जाएगा।" उन्होंने शनिवार को एक टेलीविजन संदेश में कहा कि, अगले साल के लिए ऋण चुकाने की व्यवस्था "सैद्धांतिक रूप से" की गई है। पाकिस्तानी वित्तमंत्री डार ने अनुमान लगाया है कि, जून 2023 के अंत में देश का चालू खाता घाटा 6 अरब डॉलर होगा, जो पहले के अनुमान के मुताबिक आधा है। उन्होंने कहा कि, अक्टूबर में घाटा 400 मिलियन डॉलर से कम रहने की उम्मीद है। वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने मध्यावधि चुनाव के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के महीनों से चल रहे लंबे चुनावी अभियान के कारण शुरू हुई राजनीतिक अनिश्चितता के बीच देश में ईंधन की कमी की संभावना को भी खारिज कर दिया। इमरान खान ने 26 नवंबर को इस्लामाबाद में विशालकाय रैली करने की घोषणा की है, जिसकी वजह से सरकार तनाव में है।
विदेश नीति पर बरसे इमरान खान
वहीं, इमरान खान पाकिस्तान की विदेश नीति को लेकर काफी आक्रामक हैं। उन्होंने एक बार फिर से कहा है, कि उन्हें अफसोस है, कि उन्हें भारत की विदेश नीति की तारीफ करनी पड़ती है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि, 'मैं मूल रूप से भारत की तरह अमेरिका के साथ एक गरिमापूर्ण संबंध चाहता हूं और भारत का अमेरिका के साथ बहुत ही गरिमापूर्ण संबंध है।' वहीं, उन्होंने कहा कि, 'अमेरिका का पाकिस्तान के साथ गुलामों जैसा रिश्ता है।' उन्होंने अपने इंटरव्यू में खुले तौर पर कहा कि, "अमेरिका का पाकिस्तान के साथ गुलामों जैसा बर्ताव है।" हालांकि, उन्होंने इंटरव्यू के दौरान इस तरह के भी संकेत दिए, कि अगर उनकी सरकार फिर से बनती है, तो वो वॉशिंगटन के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। अपनी सरकार गिराने के पीछे अमेरिकी हाथ बताने वाले इमरान खान ने इंटरव्यू के दौरान यूटर्न लेते हुए कहा कि, "अब मैं अमेरिका को दोषी नहीं मानता हूं और अब वो बातें पीछे छूट गईं हैं।"
गले तक कर्ज में फंसा है पाकिस्तान
पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने भले ही कह दिया हो, कि उनके देश के डिफॉल्टर होने का कोई चांस ही नहीं है, लेकिन स्थिति पूरी तरह से अलग है। पाकिस्तान गले तक कर्ज में फंसा हुआ देश है। चालू वित्त वर्ष की सिर्फ इस तिमाही में पाकिस्तान के कर्ज में 12 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं, पाकिस्तान पर अब कुल कर्ज बढ़कर 59.37 लाख करोड़ हो चुकी है, जबकि सिर्फ इस साल पाकिस्तान को 3.56 लाख करोड़ रुपये का पुनर्भुगतान करना है और एक्सपर्ट्स की माने, तो पाकिस्तान के लिए ऐसा करना काफी ज्यादा मुश्किल होने वाला है। इस साल पाकिस्तान ने सऊदी अरब, यूएई और चीन के साथ साथ 1.2 अरब डॉलर का राहत पैकेज आईएमएफ से भी लिया है। लिहाजा, अगर पाकिस्तान इस साल डिफॉल्ट नहीं भी होता है, तो भी पाकिस्तान पर इतना कर्ज है, कि उसके लिए ज्यादा दिनों तक खुद को बचाना आसान नहीं होगा।
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