पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर PAK आर्मी लगा सकती है प्रतिबंध, क्या इमरान खान को देश निकाला मिलेगा?
इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने भी दो राजनीतिक पार्टियों JSQM-A और तहरीक-ए-लब्बैक पर इसी तरह के हिंसक प्रतिबंध की वजह से प्रतिबंध लगा दिया था। अब वक्त का पहिया फिर घूम गया है।
Pakistan News: इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के ऊपर प्रतिबंध लगने का खतरा मंडरा रहा है और बहुत उम्मीद है, कि पाकिस्तान की सेना, इमरान खान की पार्टी को ब्लैकलिस्ट कर देगी।
यानि, इमरान खान की पार्टी को प्रतिबंधित संगठन करार दिया जाएगा और इमरान खान को देश निकाला की सजा मिल सकती है। पाकिस्तानी सेना के सूत्रों के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया ने संभावना लगाई है, कि सेना चाहती है, कि इमरान खान देश से बाहर चले जाएं।
हालांकि, गुरुवार को खुद इमरान खान ने अपने वीडियो में साफ कर दिया, कि वो पाकिस्तान छोड़कर कहीं बाहर नहीं जाएंगे। ऐसी रिपोर्ट आई थी, कि पाकिस्तान आर्मी की तरफ से इमरान खान को ऑप्शन दिया गया था, कि वो चाहे तो देश छोड़कर जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया।
लिहाजा, अब इमरान खान अपनी पार्टी पर संभावित प्रतिबंध लगने की स्थिति में अलग अलग ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं, कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगने के बाद वो क्या कर सकते हैं।
इमरान खान की पार्टी पर लगेगा प्रतिबंध!
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता परवेज खट्टक ने खुलासा किया है, कि संभावित प्रतिबंध से निपटने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही है।
9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जो लगभग तीन दिनों तक चला, जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। पाकिस्तानी सेना ने 9 मई की तबाही को इतिहास का "काला अध्याय" घोषित कर दिया है।
इसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक की गई, जिसमें सेना के कई वरिष्ट अधिकारी और सरकार के कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद थे। इस बैठक में सरकार प्रदर्शनकारियों पर आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने को लेकर सहमत हो गई।
यानि, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलेगा और प्रदर्शन में शामिल सरकारी अधिकारियों और सेना के जवानों के खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
वहीं, इमरान खान के करीबी सहयोगी और खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टक ने जियो टीवी से फोन पर बात करते हुए पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया।
उन्होंने कहा, कि अगर प्रतिबंध लगाया जाता है तो पीटीआई नए नाम के साथ चुनावी राजनीति में भाग लेगी।
उन्होंने कहा, "अगर पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गई, तो पीटीआई एक नए नाम के साथ राजनीति करेगी।"
खट्टक ने उन अफवाहों को भी खारिज किया, कि वह पार्टी छोड़ रहे थे। जबकि, आमिर महमूद कियानी सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने अब तक इमरान खान के डूबते जहाज को छोड़ दिया है।
प्रतिबंध लगेगा तो क्या होगा?
पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने इमरान खान की पार्टी पर बैन लगाने का आह्वान किया है और उन्होंने उनकी पार्टी को एक आतंकी पार्टी तक कहा है।
लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो समेत सरकार के कुछ मंत्रियों ने प्रतिबंध लगाने के संभावित फैसले का विरोध किया है।
आपको बता दें, कि खुद इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तो इसी तरह के हिंसक प्रदर्शनों को अंजाम देने वाली दो पार्टियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।
पीटीआई की नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान की दो राजनीतिक दलों, जय सिंध कौमी महज-अरिसर (JSQM-A) और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) को साल 2020 और 2021 में प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।
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हालांकि, उसी साल टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा लिया गया था, क्योंकि उसे सेना का गुप्त संगठन माना जाता है।
यानि, इमरान खान हर वो काम कर चुके हैं, जो खुद उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जाना है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सेना ने अब इमरान को घेर लिया है और उनका राजनीतिक भाग्य इसी पर निर्भर करता है, कि जनता का समर्थन उनके साथ कबतक रहता है। अगर वो पाकिस्तान नहीं छोड़ते हैं, जैसा की पहले कई नेता कर चुके हैं, जिन्हें सेना ने देश से बाहर निकलने का ऑप्शन दिया था, जिनमें जनरल परवेज मुशर्रफ, नवाज शरीफ, बेनजीर भुट्टो तक शामिल थीं, लेकिन इमरान ने उस ऑप्शन को खारिज कर दिया है।
लिहाजा, अब सेना इमरान खान का जुल्फीकार अली भुट्टो जैसा भी हाल कर सकती है। हालांकि, ये उतना आसान नहीं होगा, लेकिन पाकिस्तानी फौज के लिए ये नामुमकिन भी नहीं है।