बराक ओबामा बोले-पाकिस्तान मिलिट्री के हैं अल-कायदा से संबंध
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' बाजार में आ चुकी है। इस किताब में ओबामा ने कई अहम बातों से पर्दा उठाया है। ओबामा ने अपनी इस किताब में पाकिस्तान और पाक सेना को लेकर भी कई बातें कही हैं। ओबामा ने 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' में मई 2011 में पाक के एबोटाबाद में चलाए गए उस ऑपरेशन का जिक्र भी किया है जो अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाया गया था।
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ओसामा को पाक में किया था ढेर
ओबामा ने अपनी किताब में साफ-साफ लिखा है कि वह पाक को इस ऑपरेशन में शामिल नहीं करना चाहते थे और पाकिस्तान की आर्मी इसकी सबसे बड़ी वजह थी। साल 2011 में यूएस नेवी सील कमांडो की तरफ से एक खास ऑपरेशन चलाया गया था। इस ऑपरेशन में 9/11 को अंजाम देने वाले अल कायदा सरगना लादेन को ढेर किया गया था। ओबामा ने लिखा है कि वह इस सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान को शामिल करने के सख्त खिलाफ थे। उनके मुताबिक उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया था क्योंकि यह एक 'ओपेन सीक्रेट था कि पाकिस्तान की मिलिट्री और खासतौर पर इंटेलीजेंस के अंदर कुछ तत्व ऐसे थे जिनके संबंध तालिबान और यहां तक कि शायद अल कायदा के साथ भी थे। कभी-कभी वो इन तत्वों का प्रयोग अफगानिस्तान और भारत के खिलाफ करते थे।
बाइडेन थे ऑपरेशन के खिलाफ
ओसामा को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन के समय जो निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उप-राष्ट्रपति थे। ओबामा ने लिखा है कि बाइडेन और तत्कालीन रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने इस ऑपरेशन का विरोध किया था। ओबामा ने अपनी किताब में उस ऑपरेशन का विस्तार से जिक्र किया है और हर छोटी से छोटी बात को लिखा है। ओबामा ने बताया है कि कैसे अमेरिकी कमांडोज ने ओसामा को मारने में कामयाबी हासिल की थी। ओबामा के मुताबिक पाकिस्तान आर्मी तालिबान और अल-कायदा का प्रयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करती है कि अफगान सरकार कमजोर बनी रहे और वह पाकिस्तान के नंबर वन दुश्मन भारत के करीब न जा सके।