ये क्या करने जा रहा अमेरिका? अंतरिक्ष में शांति से जा रहे एस्टेरॉयड से करवाएगा अपने यान की टक्कर
नई दिल्ली: अंतरिक्ष में सैकड़ों एस्टेरॉयड घूमते रहते हैं। इनमें से कुछ कभी-कभी पृथ्वी के बहुत ज्यादा पास आ जाते हैं। हालांकि पिछले कई दशकों में किसी भी एस्टेरॉयड ने पृथ्वी या फिर उस पर रहने वाले इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन अब अमेरिका एक ऐसा कदम उठाने जा रहा, जिस पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। (तस्वीरें-नासा से साभार)
26 सितंबर की तारीख तय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा एक नई टेस्टिंग के लिए तैयार है, जिसके तहत एक अंतरिक्ष यान को जानबूझकर एस्टेरॉयड से टकराया जाएगा। अभी इस टेस्ट की तारीख 26 सितंबर तय की गई है। ये अपने आप में एक अनूठी तकनीकी है, जिसको भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
ये चीजें चलेंगी पता
नासा के मुताबिक उनका अंतरिक्ष यान एक ज्ञात एस्टेरॉयड को हिट करेगा, जो पृथ्वी के लिए खतरा नहीं है। इससे उसकी गति में थोड़ा बदलाव होगा, जिसको टेलीस्कोप और अन्य हाईटेक उपकरणों से मापा जाएगा। साथ ही ये भी देखा जाएगा कि अंतरिक्ष यान एस्टेरॉयड की गति और दिशा को कितने हद तक प्रभावित करता है।
1996 में हुई थी खोज
टारगेट एस्टेरॉयड करीब 160 मीटर व्यास का है, जो डिडिमोस की परिक्रमा करता है। नासा ने कहा है कि डिमोर्फोस जोड़ी सूर्य की परिक्रमा की तुलना में बहुत धीमी सापेक्ष गति से डिडिमोस की परिक्रमा करती है। ऐसे में एस्टेरॉयड की कक्षा बदलने पर उसको आसानी से नापा जा सकेगा। इस एस्टेरॉयड की खोज 1996 में एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की थी।
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कितनी होगी यान की रफ्तार?
वहीं जो यान उससे टकराएगा, उसका नाम DART है। उसको नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। टक्कर के वक्त इस यान की रफ्तार 24 हजार किलोमीटर प्रति घंटे होगी। ऐसे में एस्टेरॉयड के थोड़ा धीमे होने या फिर उसका कोर्स बदलने की उम्मीद है। इस पूरे मिशन का संचालन नासा के ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय (पीडीसीओ) के निर्देशन में जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) द्वारा किया जा रहा है।