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सऊदी अरब में होती थी अनोखे देवता की पूजा, 7 हजार साल पुराने ढांचे मिले, मिस्र के पिरामिड से भी पुराना इतिहास

सऊदी अरब में छिपा था 'अनोखा पत्थरों पर बना मंदिर', 7 हजार साल पहले होती थी पूजा, मिस्र कि पिरामिड से भी पुराना इतिहास।

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रियाद, मई 02: सऊदी अरब में चट्टानों पर बने जो ढांचे मिले हैं, उसका इतिहास मिस्र के पिरामिड से भी पुराना है और अब तक ज्ञात 'मंदिरों' के इतिहास में सबसे पुराना हो सकता है। कुछ एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि सऊदी अरब में चट्टानों के ऊपर जो ढांचे मिले हैं, उनका इतिहास 7 हजार साल से भी पुराना हो सकता है और इन जगहों पर पहले अज्ञात देवताओं की पूजा की जाती थी। 'ऐंटिक्विटी' जर्नल में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के उत्तर-पश्चिम इलाके में फैले चट्टानों पर बने ढांचें ब्रिटेन के रहस्यमयी 2500 पुराने स्टोनहेंज पत्थरों से भी पुराने हैं।

होती थी गायों की पूजा !

होती थी गायों की पूजा !

रिसर्च में सामने आया है कि इन जगहों पर हजारों साल पहले जानवरों की पूजा की जाती होगी। हालांकि, किस देवता की यहां पूजा की जाती होगी, ये अब तक अज्ञात है। लेकिन, रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि यहां पर गायों की पूजा की जाती होगी। वहीं, इन जगहों पर रिसर्च के दौरान सैकड़ों मवेशियों की तस्वीरें चट्टानों पर मिली हैं, जो 2 लाख स्वायर किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, लिहाजा रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि इन जगहों पर एक जैसे मान्यता वाले लोग रहते होंगे, जो मवेशी पूजा में विश्वास रखते होंगे।

क्यों बनाए गये कठिन ढांचे?

क्यों बनाए गये कठिन ढांचे?

इन ढांचों में दो मोटे पत्थरों के सिरों को दीवार से इस तरह से जोड़ा गया है, जो देखने में आंगन जैसा महसूस होता है और इन ढांचों की लंबाई 20 मीटर से 600 मीटर के हैं। रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि इन्हें बनाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया गया होगा। यहां मिले ढांचे काफी मुश्किल दिखाई देते हैं और माना जाता है कि 7 हजार साल पहले इम ढांचों को बनाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत की गई होगी, मगर इसका पता लगाना अभी भी एक चुनौती है कि आखिर इतनी मुश्किल उठाकर इतने कठिन ढांचे क्यों तैयार किए गये। माना जा रहा है कि यहां पर गाय, बकरी समेत दूसरे मवेशी भी पाए जाते होंगे। यहां मिले ढांचों से ऐसा महसूस हो रहा है कि मानों यहां से कोई जुसूल जैसा कुछ निकलता होगा

कई प्रथाएं होंगी प्रचलित!

कई प्रथाएं होंगी प्रचलित!

रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि यहां पर कई तरह की प्रथाओं का प्रचलन रहा होगा साथ ही बलि प्रथा का भी आयोजन किया जाता होगा। कार्बनडेटिंग से रिसर्च के दौरान पता चला है कि ये ढांचे ईशापूर्व 5 हजार साल पहले बनाए गये होंगे जो मिस्र के पिरामिड से भी पुराने हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है इस शहर के निर्माण से पहले चट्टानों पर बनाए जाने वाले कलाकृतियों को लेकर आविष्कार हो गया होगा। हालांकि, इस जगह को लेकर अभी कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है और वैज्ञानिकों की कोशिश है कि चट्टानों के जरिए इतिहास से जितनी जानकारियां हैं, उसे बाहर निकाला जाए ताकि अतीत को समझने में मदद मिले।

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English summary
'Unique temple' was hidden in Saudi Arabia, worship was done 7 thousand years ago, history older than the pyramids of Egypt
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