हिजाब पहनने पर मुस्लिम महिला से मारपीट, शरीर के ऊपरी हिस्से पर किया वार, कपड़े भी फाड़े
बर्लिन, 13 जुलाईः जर्मनी में मुस्लिम महिलाओं पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसा ही एक और मामला राजधानी बर्लिन से सामने आया है। बर्लिन में हिजाब पहने एक मुस्लिम महिला पर हमला हुआ है जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गयी। हमला वीसेंसी जिले के एक रेस्तरां में हुआ।
तस्वीर- सांकेतिक
हिजाब फाड़ा, किया सिर पर वार
जर्मनी के स्थानीय अखबार डेर तागेसपिगेल की रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर ने हिजाब पहनी एक मुस्लिम महिला के सिर पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। 37 वर्षीय हमलावर ने सिर पर वार करने से पहले महिला का हिजाब फाड़ डाला। इस दौरान उसने महिला के शरीर के ऊपरी हिस्से पर भी वार किया।
बीते सप्ताह भी हुई थी ऐसी घटना
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की उम्र 39 साल बताई जा रही है जबकि हमलावर 37 साल का शख्स था। यह घटना राजधानी बर्लिन के वेसेनसे जिले के एक रेस्तरां में हुई। इससे पहले शुक्रवार को बर्लिन के प्रेंजलाउर बर्ग जिले में मुस्लिम महिलाओं पर नस्लीय टिप्पणी करने का मामला सामने आया था।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
रिपोर्ट के मुताबिक, 52 साल के एक शख्स ने दो महिलाओं पर नस्लीय टिप्पणी की थी। इसके बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया। इस शख्स का व्यवहार सामान्य नहीं होने की वजह से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे रिहा करने से पहले स्थानीय क्लीनिक भी ले जाया गया था।
मुस्लिम महिलाओं संग भेदभाव
बता दें कि जर्मनी के संविधान में सभी धर्मों को मानने की स्वतंत्रता दी गयी है लेकिन इसके बावजूद देश में मुस्लिमों, खासकर हिजाब पहनी हुई महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। देश में हाल के सालों में नस्लवाद और इस्लामोफोबिया की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। आरोप है कि इन घटनाओं को नियो नाजी समूह और सुदूर दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी पार्टी (एएफडी) के दुष्प्रचार की वजहों से अंजाम दिया जाता है।
जर्मनी में 50 लाख से भी अधिक मुस्लिम
जर्मनी की आबादी 83 मिलियन है। फ्रांस के बाद जर्मनी दूसरा पश्चिमी यूरोपीय देश है, जहां मुस्लिमों की आबादी सबसे अधिक है। जर्मनी में लगभग 53 लाख मुस्लिम हैं, जिसमें से 30 लाख तुर्की मूल के हैं। जर्मनी में रह रहे मुस्लिम समय-समय अपने समुदाय की सुरक्षा की मांग करते रहे हैं।
ईशनिंदा कानून की पाकिस्तानी मौलवी ने खोली पोल, कहा- जज से वकील तक सब खौफ में जी रहे हैं