अब मूडीज ने बिगाड़ा अडानी ग्रुप का ‘मूड’, कहा- पैसा जुटाने में आएंगी मुश्किलें
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी नजर अडानी ग्रुप के फाइनेंसियल फ्लेक्सिबलटी पर है। मूडीज ने कहा कि वह हाल के घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है।
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24 जनवरी को अडानी ग्रुप के लिए एक बुरी खबर आई थी। हिंडनबर्ग रिचर्स की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर अकाउंटिंग फ्रॉड तक के बड़े आरोप लगाए गए। अडानी ग्रुप भारी-भरकम कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है इसकी चर्चा धीमे शोर में ही सही कुछ समय पहले से होने लगी थी लेकिन इस रिपोर्ट का असर से ये हुआ कि वह चर्चा शोर बनकर पूरी दुनिया में सुनी जाने लगी। इसने एशिया के सबसे रईस शख्स का साम्राज्य को हिलाकर रख दिया। आसमान छू रहे शेयर अचानक धड़ाम से नीचे गिरने लगे और महज 10 दिन में सबकुछ बदल गया।
नगदी की स्थिति का कर रही आकलन
अडानी ग्रुप की कंपिनयों के गिरते शेयरों के बीच शुक्रवार को फिच के बाद ग्लोबल एजेंसी मूडीज ने भी अपनी रिपोर्ट जारी की है। फिच की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के लिए सकारात्मक बताई जा रही थी लेकिन अब मूडीज की रिपोर्ट से निश्चित ही अडानी ग्रुप निराश नजर आएगा। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी नजर अडानी ग्रुप के फाइनेंसियल फ्लेक्सिबलटी पर है। मूडीज ने कहा कि वह हाल के घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है और अडानी ग्रुप के स्टॉक मूल्यों में जारी गिरावट को देखते हुए कंपनी की नगदी की स्थिति का भी आकलन कर रही है।
कर्ज क्षमता होगी प्रभावित
मूडीज के मुताबिक, अडानी ग्रुप के पास 2025 तक कर्ज चुकाने का मौका होगा। इस बीच इन घटनाओं की वजह से अडानी ग्रुप की इन्वेस्टमेंट या अगले 1-2 वर्षों में कर्ज चुकाने की क्षमता प्रभावित होगी। ऐसे में समूह की पूंजी जुटाने की क्षमता में कमी आएगी। मूडीज ने कहा कि अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के लिए उनकी रेटिंग कंपनी के कैशफ्लो और मार्केट में उनकी स्थिति पर आधारित है।
फिच ने क्या कहा
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने अपने बयान में कहा कि हिंडनबर्ग रिचर्स की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का क्रेडिट प्रोफाइल फिलहाल प्रभावित नहीं हुआ है। एजेंसी फिच ने कहा, "हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल अडानी ग्रुप के कैश फ्लो पर कोई असर नहीं पड़ा है। निकट अवधि में कोई रि-फाइनेंसिंग से जुड़ा रिस्क या फिर लिक्विडिटी का जोखिम नजर नहीं आ रहा है। अडानी ग्रुप के फाइनेंस और कॉस्ट फाइनेंस पर क्या असर पड़ता है, इसपर हम करीबी नजर रख रहे हैं।" फिच ने अडानी ग्रुप की 8 कंपनियों को स्टेबल रेटिंग दी है।
डाउ जोन्स ने भी दिया झटका
इससे पहले अमेरिका के डाउ जोंस सस्टेनिबिलिटी इंडेक्स से अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर को बाहर करने का ऐलान किया था। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लगातार आ रही भारी गिरावट की वजह से डाउ जोंस सस्टेनिबिलिटी ने इसे बाहर किया। रिपोर्ट के मुताबिक, 7 फरवरी को इसे डाउ जोंस से हटा दिया जाएगा। वहीं, गुरुवार को शेयर बाजार के NSE ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स को एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) के तहत रखने का बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें ये SEBI का कंपनियों की निगरानी करने का एक तरीका है, जो निवेशकों की रक्षा के लिए उठाया जाता है।
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