मुर्गे को भौंकता हुआ दिखाकर फंसी मलेशियाई सरकार
मलेशिया की सरकार एक विज्ञापन को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है.
सरकार ने लूनर न्यू ईयर को सेलिब्रेट करने के लिए पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया था, जिसमें मुर्गे को भौंकते हुए दिखाया गया था.
दरअसल चीनी राशि चक्र में 12 सालों का एक चक्र माना जाता है और हर साल को एक जानवर से दर्शाया जाता है.
मलेशिया की सरकार एक विज्ञापन को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है.
सरकार ने लूनर न्यू ईयर को सेलिब्रेट करने के लिए पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया था, जिसमें मुर्गे को भौंकते हुए दिखाया गया था.
दरअसल चीनी राशि चक्र में 12 सालों का एक चक्र माना जाता है और हर साल को एक जानवर से दर्शाया जाता है. इस हिसाब से रूस्टर ईयर (मुर्गे का साल) हाल ही में ख़त्म हुआ है और डॉग ईयर (कुत्ते के वर्ष) की शुरुआत हुई है.
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वाणिज्य मंत्रालय ने इस विज्ञापन के माध्यम से लोगों को 'डॉग ईयर' की शुभकामनाएं दी थीं. मगर इसमें मुर्गे को चीनी भाषा में कुत्ते की आवाज़ में भौंकते हुए दिखाया गया था.
मंत्रालय ने इसे 'तकनीकी त्रुटि' बताते हुए खेद प्रकट किया है.
क्या हो सकती है वजह
सांस्कृतिक पेचीदगी यह है कि मलेशिया में कुछ मुस्लिम मानते हैं कि कुत्ते गंदे जानवार होते हैं.
इसी सप्ताह रॉयटर्स ने ख़बर दी थी कि मलेशिया के व्यापारिक संस्थान कुत्तों से जुड़े प्रतीकों को इस्तेमाल करने से बच रहे हैं ताकि बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी नाराज़ न हो जाए. देश की एक चौथाई आबादी चीनी नस्ल के लोगों की है.
ऐसे में बहुत से लोग मान रहे हैं कि चीनी भाषा के अख़बार में प्रकाशित इस विज्ञापन में कुत्ते की तस्वीर इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश की गई थी, भले ही इसका कोई मतलब न निकले.
सोशल मीडिया पर आलोचना
बहुत से लोगों ने फ़ेसबुक पर इस विज्ञापन को 'सरासर बेवकूफ़ी' करार दिया तो कुछ ने 'राष्ट्रीय शर्म' बताया.
https://twitter.com/limkitsiang/status/964082833181388801
अंग्रेज़ी भाषा के अख़बार 'द स्टार' ने मलेशियाई-चीनी एसोसिएशन के धार्मिक सद्भावना ब्यूरो के प्रमुख का बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कुछ लोग छोटी-छोटी ग़लतियों से 'चीनियों को नाराज़' करने की कोशिश कर रहे हैं.
दातुक सेरी ती लियान ने अख़बार से कहा, "खेद प्रकट किए जाने के बाद इस ग़लती को भुला दिया गया है. चीनी समुदाय में ख़ास नाराज़गी नहीं देखी गई क्योंकि चीनी व्यावहारिक और शांत होते हैं."
उन्होंने विपक्षी पार्टी डीएपी पर 'नफ़रत, आक्रोश और ग़ुस्से' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.