शरणार्थियों पर सख्ती वाले राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश ने तोड़ा मलाला और जुकरबर्ग का दिल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थियों पर लिए गए फैसले पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई ने कहा फैसले से टूटा दिल। मार्क जुकरबर्ग ने कहा राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश हो रही है चितां।
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक नया एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन किया है। उनके इस ऑर्डर ने फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दोनों का दिल ट्रंप के आदेश से न सिर्फ टूट गया है बल्कि उन्हें अब भविष्य की भी चिंता होने लगी है।
आदेश से टूटा मलाला का दिल
पाकिस्तान के छात्रों के लिए काम करने वाली मलाला युसूफजई ने कहा है शरणार्थियों पर आए डोनाल्ड ट्रंप का आदेश दिल तोड़ने वाला है। मलाला ने ट्रंप से अपील की है कि वह दुनिया के सबसे 'रक्षाहीन' लोगों को अकेला न छोड़ें। मलाला के मुताबिक वह राष्ट्रपति ट्रंप के उस आदेश के बाद दुखी है जिसने बच्चों, मांओं और उन हजारों पिताओं के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं जो हिंसा और युद्ध की डर से अपनी जगह छोड़ कर जा रहे हैं। 19 वर्ष की मलाला को वर्ष 2012 में तालिबान ने सिर में सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि वह अपने देश में लड़कियों की शिक्षा की वकालत सार्वजनिक तौर पर कर रही थी। मलाला की मानें तो ऐसे समय में जब दुनियाभर में अनिश्चितता और अशांति है, वह राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करेंगी कि वह अपनी पीठ न मोड़ें। नोबेल शांति पुरस्कार की सबसे कम उम्र की विजेता मलाला के मुताबिक उन्हें इस बात की भी तकलीफ है कि अमेरिका शरणार्थियों और अप्रवासियों के अपने गौरवशाली इतिहास से मुंह मोड़ रहा है। मलाला के मुताबिक ये वे लोग हैं जिन्होंने इस देश के निर्माण में मदद की और नई जिंदगी के बेहतर अवसर के बदले कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं।
क्या लिखा है जुकेरबर्ग ने
फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग, मलाला के बाद दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने ट्रंप के आदेश की आलोचना की है। मार्क ने अपने फेसबुक पेज की मदद से राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की। उन्होंने लिखा है, 'बाकी लोगों की ही तरह भी मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि नए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने साइन किया है, उसका क्या प्रभाव होगा?' मार्क ने आगे लिखा, 'हमें इस देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है, लेकिन हमें ऐसा उन लोगों पर ध्यान लगाकर करना चाहिए जो वाकई देश के लिए खतरा है। हमें अपने दरवाजे उन शरणार्थियों के लिए खुले रखने होंगे जिन्हें वाकई मदद की जरूरत है।' राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात देशों सीरिया, सोमालिया, सूडान, ईराक, इरान, लीबिया और यमन के शरणार्थियों को बैन कर दिया है।