Long Covid के इलाज की जगी उम्मीद, शोध का निकला सकारात्मक परिणाम
लॉन्ग कोविड की समस्या कोरोना के शुरुआती दिनों से चुनौती रही है। दुनिया भर में इसको लेकर तरह-तरह के शोध होते रहे है। अब जापान में एक शोध हुआ है, जिसके मुताबिक लॉन्ग कोविड का इलाज होने की उम्मीद जगी है।
लॉन्ग कोविड को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक शुरू से उलझन में रहे हैं। कई तरह की दवाओं पर ट्रायल किया गया। लेकिन, नतीजे बहुत उत्साहजनक नहीं रहे। लेकिन, जापान में एक नई दवा पर रिसर्च किया गया है और परिणाम सकारात्मक रहने का दावा किया गया है। एंसिट्रेल्विर (Ensitrelvir) नाम की दवा के बारे में कहा जा रहा है कि यह कोरोना के सामान्य मरीजों पर तो अच्छा काम कर ही रहा है, लॉन्ग कोविड के मामलों पर अच्छा असर दिखा रहा है।
एंसिट्रेल्विर से जल्द स्वस्थ होने का दावा
एंसिट्रेल्विर (Ensitrelvir) एक नई एंटीवायरल दवा है, जो लॉन्ग कोविड के लक्षणों को रोकने में सक्षम हो सकती है। एक नए शोध में यह पता चला है। अभी तक एक्सपर्ट भी लॉन्ग कोविड को लेकर उलझन में रहे हैं। लेकिन, अब एक उम्मीद जगती दिख रही है। सबसे पहले एंसिट्रेल्विर के बारे में जान लेते हैं। इसे जापान के ओसाका में शिओनोगी ने विकसित किया है। इनका दावा है कि यह कोरोना के हल्के से मध्यम लक्षणों को एक दिन कम कर देता है। यही नहीं लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट जितने दिन पॉजिटिव आता है, उन दिनों की संख्या इस दवा की वजह से कम हो जाती है।
29 घंटे पहले आई कोविड निगेटिव रिपोर्ट- शोध
एंसिट्रेल्विर पर हुई ट्रायल के डेटा रेट्रोवारसेज एंड अपॉर्टूनिस्टिक इंफेक्शन पर आयोजित एक कॉनफ्रेंस में पेश किया गया। इस ट्रायल में करीब 1,200 लोगों को शामिल किया गया था। मकसद था कि क्या यह दवाई जल्द स्वस्थ होने में मदद कर सकता है। जिन लोगों को 125 मिलीग्राम एंसिट्रेल्विर की खुराक दी गई, उनके पांच विशेष लक्षण जैसे कि कफ और कमजोरी 24 घंटे पहले ठीक हुए। सबसे बड़ी बात कि जिन लोगों को यह डोज दी गई उनकी कोविड निगेटिव रिपोर्ट बाकियों से करीब 29 घंटे पहले आ गई।
क्या एंसिट्रेल्विर से लॉन्ग कोविड ठीक हो सकता है ?
शोध के आधार पर दावा किया गया है कि एंसिट्रेल्विर में लॉन्ग कोविड को रोकने की क्षमता है। लॉन्ग कोविड वह स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें कोविड-19 से संबंधित कुछ लक्षण बहुत ज्यादा अस्वस्थता वाले चरण के बाद भी काफी लंबे समय तक रहता है। शोध में यह बात सामने आई कि जिन मरीजों में बीमारी की शुरुआती चरणों में बहुत ज्यादा लक्षण थे, उन्हें एंसिट्रेल्विर देने के बाद लॉन्ग कोविड होने का जोखिम 14% रहा। लेकिन, जिन्हें (placebo group)यह दवा नहीं दी गई, उनमें लॉन्ग कोविड होने का जोखिम 26% पाया गया।
शोध पर सवाल
हालांकि, कुछ वैज्ञानिक जो इस शोध से नहीं जुड़े थे, वह इसकी ट्रायल की डिजाइन पर सवाल उठा रहे हैं। इस शोध के बारे में साइंटिफिक जर्नल नेचर ने जो रिपोर्ट दी है, उसके बारे में आपत्ति की गई है कि यह शोध खास तौर पर लॉन्ग कोविड के जोखिम की जांच के लिए अभिप्रेरित नहीं था। यानि प्री-ट्रायल रिसर्च प्लान में लॉन्ग कोविड डेटा के विश्लेषण का कोई तरीका नहीं बताया गया।
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विशेषज्ञों की समीक्षा बाकी
एंसिट्रेल्विर का इस्तेमाल कोविड के गंभीर मामलों के जोखिम को देखे बिना किया गया है। इसको लेकर यह आशंका जताई गई है कि इससे कम जोखिम वाले मरीजों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। पैक्सलोविड (Paxlovid) और मोल्नुपिराविर (molnupiravir) के बाद यह तीसरी ओरल एंटीवायरल है, जो कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित की गई है। पहली दोनों दवा हाई रिस्क वाले गंभीर रोगियों को लक्ष्य करके तैयार की गई है, जबकि एंसिट्रेल्विर का प्रयोग हर तरह के भागीदारों पर किया गया है। एंसिट्रेल्विर की ट्रायल डेटा की अभी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा नहीं की गई है।