ऋषि सुनक हार सकते हैं ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद का चुनाव, असली वजह ये है
लंदन, 21 जुलाईः ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सनक ने बोरिस जॉनसन की जगह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में पांचवे दौर की वोटिंग जीत ली है। वह इस बार भी पहले नंबर पर रहे हैं। बीते कई दौर से पीछे चल रही लिज ट्रस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। पांचवे राउंड की वोटिंग में ऋषि सुनक को 137 वोट मिले, जबकि लिज ट्रस 113 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। पेनी मोर्डंट 105 वोट पाकर मुकाबले से बाहर हो गई।
5 सितंबर को होगी घोषणा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के फाइनल के लिए ऋषि सुनक और लिज ट्रस के रूप में दो उम्मीदवार तय हो चुके हैं। अब शुक्रवार से दोनों उम्मीदवार पूरे देश में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच अपने लिए प्रचार करेंगे। जिसके बाद टोरी पार्टी के 160,000 सदस्य अपने नेता के लिए डाक के जरिए वोट डालेंगे। इन डाक मतपत्रों की गिनती कर 5 सितंबर को विजेता की घोषणा की जाएगी। अब तक हर राउंड में सबसे अधिक मत हासिल करने वाले ऋषि सुनक की राह 10 डाउनिंग स्ट्रीट के लिए आसान नहीं होने वाली है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि सुनक को अब कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच बेहद कठिन वोटिंग का सामना करना पड़ सकता है।
अब तक ऋषि का पलड़ा भारी
हाल के सर्वेक्षणों के आंकड़े बता रहे हैं कि टोरी सदस्यों की वोटिंग में लिज ट्रस को ऋषि सुनक पर बढ़त हासिल है। इसकी वजह ये है कि अब आगे जो चुनाव होने वाले हैं उसमें टोरी पार्टी के लगभग 16 हजार मेंबर्स वोटिंग करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इन मेंबर्स के बीच लिज की स्वीकार्यता, सुनक के मुकाबले बेहतर है। ऐसे में ऋषि सुनक के लिए आगे की राह मुश्किल होने वाली है।
ट्रस को मिलेगा बोरिस का साथ
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण चीज है बोरिस जॉनसन का समर्थन। बोरिस जॉनसन भले ही प्रधानमंत्री के पद से हट चुके हों मगर उन्होंने राजनीति को अलविदा नहीं कहा है। सालों से राजनीति करने वाले बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी में गहरी पकड़ है। वह ऋषि ही थे जिन्होंने बोरिस का साथ सबसे पहले छोड़ा था। जबकि लिज ट्रस ने आखिरी वक्त तक बोरिस का साथ दिया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि लिज ट्रस को बोरिस जॉनसन का साथ मिलेगा।
आज से प्रचार की शुरुआत
आज से दोनों उम्मीदवार पूरे देश में टोरी पार्टी के सदस्यों के बीच अपने लिए वोट मांगने की शुरुआत कर चुके हैं। ऋषि सुनक परंपरागत रूप से कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को लुभाने के लिए कर कटौती के किसी वादे के बजाय मुद्रास्फीति पर अपना ध्यान केंद्रित करने पर दृढ़ रहे हैं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि मैं इस संसद में कर कम कर दूंगा, लेकिन मैं इसे जिम्मेदारी से करने जा रहा हूं। मैं चुनाव जीतने के लिए कर कटौती की बात नहीं कहूंगा, मैं कर कम करने के लिए चुनाव जीतना चाहता हूं।
भारत के साथ रिश्ता एक बोनस
हालांकि कई विश्लेषकों का मानना है कि इस बार ऋषि सुनक के जीतने के चांसेज अधिक हैं। इंडिया टुडे से बात करते हुए पूर्व स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा कि ऋषि ब्रिटिश हैं, लेकिन भारत के साथ उनका जो रिश्ता है वह एक बोनस है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह इसे भुना सकते हैं। मैट हैनकॉक ने कहा, "ऋषि एक ब्रिटिश शिक्षा में पले-बढ़े एक सच्चे अंग्रेज हैं, लेकिन वह एक विरासत के रूप में कई पहलुओं को समेटे हुए हैं। मुझे भारत के साथ उनका घनिष्ठ संबंध बोनस के रूप में दिखाई देता है।
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