कृष्णा कुमारी बनीं पाकिस्तान की पहली दलित महिला हिंदू सीनेटर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पहली बार दलित हिंदू महिला सीनेटर बनी है। कृष्णा कोहली जोकि दलित हिंदू महिला हैं उन्होंने चुनाव जीतक इतिहास रच दिया है। उन्हे पाकिस्तान की पीपुल्स पार्टी ने टिकट दिया था। कृष्णा काफी गरीब परिवार से आती हैं, वह बचपन में मजदूरी करती थी। जिसके बाद वह मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में पाकिस्तान में बड़े चेहरे के तौर पर उभरीं।
बेहद गरीब परिवार में हुआ जन्म
कृष्णा के सीनेटर बनने के बाद उन्हें हर कोई बधाई दे रहा है। हालांकि एक तबका ऐसा भी है जो उनका विरोध कर रहा है, जिसमे जाने माने पत्रकार हामिद मीर भी शामिल हैं। मीर ने ट्वीट करके एक तरफ जहां उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि गरीब हिंदू महिला चुनी गई है, इसका श्रेय बिलावल भुट्टो को जाता है। आपको बता दें कि कृष्णा कोहली का जन्म सिंध प्रोविंस के नगरप्रकार में 1979 में बेहद गरीब परिवार में हुआ था
तीन साल तक रहीं बंधुआ मजदूर
कृष्णा के खिलाफ कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिन्हे हराकर वह सीनेट में पहुंची है। आपको बता दें कि कृष्णा की महज 16 वर्ष की आयु में शादी हो गई थी। इसके बाद उन्होंने 2005 में सामाजिक काम करना शुरू कर दिया था। 2007 में इस्लामाबाद में आयोजित मानवाधिकार नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर में उन्हे चुना गया था। कृष्णा को बचपन में बंधुआ मजदूरी भी करनी पड़ी थी। कृष्णा और उनके परिवार को बंधक बना लिया गया था और तीन साल तक बंधुआ मजदूरी कराई गई थी।
भाई के साथ जुड़ी थीं सामाजिक काम में
कृष्णा अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी से जुड़ी थीं। बाद में उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन चुना गया। कृष्णा ने कहा कि उनके पास नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। कृष्णा का जन्म 1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के एक दूरदराज गांव में हुआ था। आपको बता दें कि पीपीपी पाकिस्तान की एक ऐसी पार्टी है जिसने बेनजीर भुट्टो समेत इस देश को कई महिला राजनेता दी हैं। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और नेशनल असेंबली की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा इसी पार्टी से थीं।