इस वजह से सूखकर हड्डी हो गये किम जोंग उन? उत्तर कोरिया के तानाशाह पर बड़ा खुलासा
किम जोंग उन, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनकी उम्र 37 साल है, वो अचानक जून में करीब एक महीने बाद सार्वजनिक रूप से प्रकट होते हैं और बेहद दुबले दिखाई देते हैं।
प्योंगयांग, जून 29: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन इस बार अपने वजन घटाने के लिए सुर्खियों में हैं और विश्लेषकों का मानना है इसके पीछे किम जोंग उन की बड़ी साजिश छिपी हुई है। उत्तर कोरिया की राजनीति पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि नॉर्थ कोरिया में इन दिनों खाने का संकट चरम पर है, इसीलिए किम जोंग उन अपने लोगों को बर्गलाने के लिए नया तरीका आजमा रहे हैं।
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क्या बीमार हैं किम जोंग उन
किम जोंग उन, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनकी उम्र 37 साल है, वो अचानक जून में करीब एक महीने बाद सार्वजनिक रूप से प्रकट होते हैं और बेहद दुबले दिखाई देते हैं और फिर उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगाई जाने लगती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट है कि उत्तर कोरिया पर नज़र रखने वाली सियोल स्थित वेबसाइट एनके न्यूज़ के विश्लेषकों ने कहा कि उनकी घड़ी उनकी कलाई पर अधिक कसकर बंधी हुई प्रतीत होती है। और फिर उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने पिछले हफ्ते इस मुद्दे पर लिखा कि किम जोंग उन के दुबले होने के बाद उत्तर कोरिया में हर कोई काफी दुखी है और लोग अपने नेता के लिए रो रहे हैं। उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले अमेरिका के 38-नॉर्थ प्रोजेक्ट के डायरेक्टर जेनी टाउन ने कहा कि किम के वजन कम होने का कारण स्पष्ट नहीं है कि वो किसी बीमारी से पीड़ित हैं या फिर उन्होंने जान बूझकर वजन कम किया है, लेकिन इसके पीछे कोई गंभीर वजह है और वो शायद उनका प्रोपेगेंडा हो सकता है।
किम जोंग उन कर रहे हैं प्रोपेगेंडा
जेनी टाउन के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया में अचानक किम जोंग उन को लेकर खबरें दिखाना बेहद आश्चर्यजनक है। क्योंकि, इससे पहले किम जोंग 2 बार काफी बीमार हो चुके हैं और लंबे वक्त तक सार्वजनिक जीवन से गायब रह चुके हैं, लेकिन सरकारी मीडिया पर उनको लेकर कुछ भी नहीं कहा गया। लेकिन, इस बार उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया खास तौर पर किम जोंग उन के वजन पर खबर को फोकस कर रही है और उनकी जो तस्वीर सामने आई है, उसमें वो बेहद कमजोर और असहाय लग रहे हैं। ऐसे में किम जोंग उन के दुबले होने के पीछे कोई ना कोई बात जरूर है। नीदरलैंड में लीडेन विश्वविद्यालय के कोरिया विशेषज्ञ क्रिस्टोफर ग्रीन ने रॉयटर्स को बताया कि जोर इस बात पर था, कि किम व्यापक कठिनाई के समय में लोगों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ''किम जोंग प्रशासन को पता चला होगा कि जनता के बीच उनके स्वास्थ्य को लेकर काफी बात हो रही है, ऐसे में उसका लाभ लेने के लिए किम जोंग उन के स्वास्थ्य को ही खास तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा हो और जनता को मैसेज दिया जा रहा हो कि किम जोंग उन उनके लिए कितने चिंतित हैं।
खाद्य संकट का गुस्सा शांत करने की कोशिश
सियोल स्थित कोरिया रिस्क ग्रुप के सीईओ चाड ओ'कारोल ने रॉयटर्स से कहा कि ''उनकी राय में उनके घटते वजन का जिक्र करना उत्तर कोरिया में जबरदस्त खाद्य संकट के समय पनपने वाले गुस्से को शांत रखने की एक कोशिश हो सकती है। वो शायद अपनी जनता को मैसेज देना चाह रहे हों कि भोजन के जिस संकट का सामना देश की जनता कर रही है, वो भी उसी भोजन संकट का सामना कर रहे हैं। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने किम जोंग उन के स्वास्थ्य का उल्लेख किया है। लंबे समय तक जनता की नज़रों से दूर रहने के बाद 2014 में भी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई गई थी, लेकिन एक महीने बाद ही वो फिर से लोगों के सामने आ गये थे।
सूखकर हड्डी हो गये सनकी तानाशाह किम जोंग उन, फूट-फूट कर रो रही है उत्तर कोरिया की जनता