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जिहादी दुल्हन शमीमा बेगम को अब सता रहा मौत का डर, आतंकवादी ट्रायल में मिल सकती है फांसी

आतंकवादियों का साथ देने और धरती पर इस्लाम का राज कायम करने के इरादे से सीरिया भागने वाले शमीमा बेगम को लेकर उसके दोस्तों ने कहा है कि, उसे न्याय प्रणाली पर बहुत कम विश्वास है।

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डमस्कस, जून 13: जिहाद के नाम पर सिर्फ 15 साल की उम्र में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने वाली ब्रिटिश नागरिग शमीमा बेगम, जो 'जिहादी दुल्हन' के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध है, अब उसे जहन्नुम जाने का डर सता रहा है। महज 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने वाली शमीमा बेगम के खिलाफ अब आतंकवादी धाराओं में ट्रायल शुरू हो रहा है और अब शमीमा बेगम को लग रहा है, कि उसे फांसी की सजा मिल सकती है।

2015 में भागी थी सीरिया

2015 में भागी थी सीरिया

साल 2014-15 में जब आतंकवादी संगठन आईएसआईएस अपना सिर उठा रहा था और पूरे सीरिया पर कब्जा करने के लिए कत्लेआम कर रहा था, उस वक्त साल 2015 में शमीमा बेगम ब्रिटेन से भागकर जिहादी दुल्हन बनने के लिए सीरिया पहुंच गई थी। शमीमा बेगम उस वक्त आईएसआईएस के लिए पोस्टर गर्ल बन गई थी और अब शमीमा बेगम को आतंकवादी अपराधों के मुकदमे में ट्रायल चलने के बाद फांसी की सजा मिलने का डर सता रहा है। 15 साल की उम्र में ब्रिटेन से दो अन्य लड़कियों अमीरा अबासे और कदीज़ा सुल्ताना के साथ सीरिया भागने वाली शमीमा बेगम से ब्रिटिश नागरिकता छीन लिया गया है और उसके बाद से वो सीरियाई शरणार्थी शिविरों में रह रही है।

‘न्याय प्रणाली में नहीं है विश्वास’

‘न्याय प्रणाली में नहीं है विश्वास’

आतंकवादियों का साथ देने और धरती पर इस्लाम का राज कायम करने के इरादे से सीरिया भागने वाले शमीमा बेगम को लेकर उसके दोस्तों ने कहा है कि, उसे न्याय प्रणाली पर बहुत कम विश्वास है। शमीमा बेगम सीरिया के रोजवा क्षेत्र में शरणार्थी शिविर में रहती है और वो वापस ब्रिटेन लौटना चाहती है, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उसे देश में आने से रोक दिया है। वहीं, अब
अधिकारियों द्वारा आईएसआईएस से उसके संबंधों की जांच शुरू करने और यह पता लगाने के बाद कि क्या उसने आईएसआईएस आतंकवादियों के लिए आत्मघाती बम बनाने में मदद की है, उसे अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है।

काफी डर चुकी है जिहादी दुल्हन

काफी डर चुकी है जिहादी दुल्हन

एक सूत्र ने द सन को बताया कि, 'शमीमा बेगम ने खुद को आश्वस्त किया है, कि अगर सीरिया में आतंकवाद के अपराधों का मुकदमा चलाया जाता है और दोषी पाया जाता है तो उसे मौत की सजा मिलेगी और इस बात को सोचकर वो काफी ज्यादा डरी हुई और चिंतित है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'उसे बताया गया है कि उसे रोजवा में मुकदमा चलाया जाएगा, शायद आतंकवादी अपराधों की आरोपी महिलाओं के समूह में से एक के रूप में। उसे अभी तक कोई तारीख नहीं दी गई है, लेकिन बताया गया है कि, ट्रायल सितंबर या अक्टूबर के आसपास होगी'। रिपोर्ट के मुताबिक, उसे बुरी तरह से डरा हुआ देखकर अधिकारियों ने उसे समझाने की कोशिश की, कि उसके लिए मौत की सजा की वकालत नहीं की जाएगी, लेकिन अधिकरी उसे समझाने में नाकामयाब रहे।

ब्रिटेन ने रद्द कर दिया है पासपोर्ट

ब्रिटेन ने रद्द कर दिया है पासपोर्ट

शमीमा बेगम का पासपोर्ट ब्रिटेन ने रद्द कर चुका है, लिहाजा अपना पासपोर्ट फिर से बहाल करने के लिए उसने ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और अर्जी लगाई थी, कि उसे ब्रिटेन वापस आने दिया जाए, जहां वो कानून का सामना करने के लिए तैयार है, लेकिन ब्रिटिश कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया और उसका पासपोर्ट रद्द ही रखा गया। माना जाता है कि रोजवा में जांचकर्ता शमीम बेगम के दावों की जांच कर रहे हैं, जिसमें शमीमा बेगम को कहते हुए देखा गया था, कि कचरे के डिब्बे में लोगों का सिर देखकर उसे हैरानी नहीं थी। हालांकि, जब शमीमा बेगम पकड़ी गई थी, तो उसने कहना शुरू किया था, कि वह "नहीं जानती थी कि आईएसआईएस एक मौत का पंथ था" और वह किसी को चोट नहीं पहुंचाना चाहती थी। वहीं, शमीमा बेगम के लिए पहले काम कर चुकीं सॉलिसिटर तस्नीम अकुंजी ने कहा कि, "मुझे लगता है कि उसका डर जायज है। वहां की न्याय व्यवस्था कुछ हद तक कम है'।

‘बहक गई थी मैं’

‘बहक गई थी मैं’

शमीम बेगम ने पिछले साल एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, उसने जब ब्रिटेन छोड़ा था, उस वक्त वो सिर्फ 15 साल की थी और उसने बहकावे में आकर इस तरह का कदम उठाया था। आपको बता दें कि, शमीमा बेगम अब तीन बच्चों की मां बन चुकी है और साल 2019 में उसने तीसरे बच्चे को जन्म दिया था। तीसरे बच्चे के जन्म के बाद शमीमा ने ब्रिटिश अधिकारियों से अपील करते हुए कहा था, कि ब्रिटेन में उसके बच्चे को पालने की अनुमति देकर उसपर दया दिखाएं। हालांकि, उसने आईएस में शामिल होने पर कोई अफसोस जाहिर नहीं किया था। शमीमा के दो अन्य दो बच्चों की कुपोषण के कारण मौत हो गई थी।

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English summary
Trial is about to start against the jihadi bride of ISIS, about which he is afraid.
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