गलती से नहीं मारे गये थे पत्रकार दानिश सिद्दीकी, तालिबान ने जिंदा पकड़ा था, पढ़िए बेरहमी की कहानी
अफगानिस्तान में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को तालिबान ने जिंदा पकड़ा था और फिर पहचान पूछने के बाद उनकी जान ले ली गई।
काबुल, जुलाई 30: भारतीय पत्रकार और पुलित्जर अवार्ड विजेता फोटोग्राफर दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में गलती से नहीं मारे गये थे और ना ही अफगान सेना और तालिबान के बीच चल रही गोलीबारी के दौरान वो गलती से बीच में आ गये थे। खुलासा हुआ है कि भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की बकायदा हत्या की गई थी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ हो कि तालिबान के आतंकियों ने भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को जिंदा पकड़ा था और फिर उनकी पहचान पूछी थी। पहचान बताने के बाद तालिबानी आतंकियों ने बड़ी ही बेरहमी से उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।
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तालिबान ने जिंदा पकड़ा था
अमेरिका स्थित एक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की तालिनान ने हत्या कर दी थी। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने पहचान पूछने के बाद दानिश सिद्दीकी को क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया था। आपको बता दें कि 38 साल के भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में रिपोर्टिंग पर थे, जिस वक्त उनकी तालिबानी आतंकियों ने हत्या कर दी थी। पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार की कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने के दौरान मौत हो गई थी और अब ये नया खुलासा हुआ है।
बर्बरता से ली दानिश की जान
वाशिंगटन एक्जामिनर की रिपोर्ट के मुताबिक, दानिश सिद्दीकी ने अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक क्षेत्र की यात्रा की थी, जिसका मकसद अफगानिस्तान की वास्तविक स्थिति को कैमरे में कवर करना और दुनिया को दिखाना था। जब दानिश स्पिन बुल्डोक में एक सीमा शुल्क चौकी के एक-तिहाई मील के भीतर पहुंच गए थे, तो एक जोरदार तालिबानी हमला हुआ था, जिससे उनकी टीम सेना से अलग हो गई थी और दानिश सिद्दीकी भी रात के वक्त टीम से बिछड़ गये थे। रिपोर्ट के मुताबिक दानिश सिद्दीकी मामूली रूप से घायल थे और एक मस्जिद में शरण लेने पहुंच गये थे।
मस्जिद पर तालिबान ने किया हमला
रिपोर्ट के मुताबिक दानिश सिद्दीकी मस्जिद में पहुंच गये थे। उस वक्त दानिश के साथ तीन और अफगानिस्तान के सैनिक मौजूद थे। मस्जिद में दानिश का इलाज भी किया गया था, जहां तालिबान ने हमला कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, एक पत्रकार मस्जिद में हैं, ये खबर आसपास के इलाकों में फैल गई और फिर तालिबान ने हमला कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दानिश की वजह से ही मस्जिद पर तालिबान ने हमला किया था और दानिश को तालिबान के आतंकियों ने पकड़ लिया था।
भारतीय जानकर उतारा मौत के घाट
अमेरिकन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान के आतंकियों ने जिस वक्त दानिश को पकड़ा था, वो जिंदा थे और पूरी तरह से ठीक थे। जिसके बाद तालिबान के आतंकियों ने उनकी पहचान पूछी। जैसे ही दानिश ने खुद को भारतीय बताया, ठीक वैसे ही तालिबान के आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के तीन सैनिकों ने दानिश को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन तालिबान ने उनकी भी हत्या कर दी। आपको बता दें कि स्थानीय रेडक्रॉस की मदद से दानिश के शव को भारत लाया गया और जामिया मिलिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया गया।
तालिबान ने कैसे ली दानिश की जान?
रिपोर्ट बनाने वाले राइटर माइकल रूबीन ने दानिश के उस वीडियो को देखा है, जो उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों से मिली है। इसके साथ ही उन्होंने दानिश सिद्दीकी के आखिरी वक्त की कुछ तस्वीरों को भी देखा है, जिसमें दिखाया गया है कि तालिबान ने दानिश सिद्दीकी को पकड़ने के बाद उनके सिर में बुरी तरह से मारा था। उनके सिर के चारों तरह पीटा गया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया। आपको बता दें कि तालिबान एक बार फिर से युद्द के नियमों का जमकर उल्लंघन कर रहा है और हत्या करने बाद वो शव को बुरी तरह से क्षत- विक्षत कर दे रहा है। तालिबान ना तो वैश्विक नियमों को मान रहा है और ना ही अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को, लिहाजा तालिबान की सख्त आलोचना की जा रही है।
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