रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा भारत, एस जयशंकर के इस जवाब से पश्चिमी देशों की बोलती हुई बंद
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत, रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा। एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने से पीछे नहीं हटेगा।
बैंकॉक, 17 अगस्तः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत, रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा। एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने से पीछे नहीं हटेगा। जयशंकर ने साफ शब्दों में संकेत दिया कि भारत सबसे पहले अपने नागिरकों के हित में फैसले लेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर 9वीं भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए थाईलैंड पहुंचे हैं। उन्होंने रूस से कच्चे तेल के आयात को देश के लिए सर्वश्रेष्ठ सौदा करार दिया।
भारत की स्थिति से वाकिफ है अमेरिका
बैंकॉक में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि पर चर्चा की और कहा कि हम अपने हितों के बारे में बहुत खुले और ईमानदार हैं। मेरे पास एक देश है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 2000 अमेरिकी डॉलर है। ये ऐसे लोग नहीं हैं जो उच्च ऊर्जा कीमतों को वहन कर सकते हैं। यह मेरा नैतिक कर्तव्य है कि मैं सबसे अच्छा सौदा सुनिश्चित करूं। एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका सहित बाकि देश भारत की इस स्थिति से अच्छे से वाकिफ हैं और वह इस मामले पर गतिरोध को तवज्जो न देते हुए भारत का साथ देंगे।
Recommended Video
हर देश देख रहा अपने नागरिकों का हित
विदेश मंत्री ने कहा कि फिलहाल दुनिया भर में कच्चे तेल और गैस की कीमतें बिना किसी ठोस वजह के काफी ऊपरी स्तरों पर हैं। वे यूरोपियन देश जो पहले रूस से तेल गैस खरीदते थे अब वो ऐसे देशों से खरीद कर रहे हैं जो भारत के पारंपरिक सप्लायर थे। यानि हर देश अपने नागरिकों के हितों को देख रहा है। जयशंकर ने कहा कि आने वाले समय में पश्चिमी देश इसे समझेंगे और भारत के कदम का भले ही स्वागत न करें लेकिन वो मानेंगे कि भारत ने अपने नागरिकों के लिए सही कदम उठाया है।
भारत ने रूस से तेल का आयात बढ़ाया
बतादें कि रूस, भारत का कभी भी प्रमुख तेल सप्लायर नहीं रहा है। रूस यूक्रेन संकट के साथ तेल कीमतों में उछाल के बाद से भारत, रूस से तेल की खरीद कई गुना बढ़ा चुका है। दरअसल रूस भारत को बेहद कम दाम पर और बेहद आसान शर्तों पर तेल की सप्लाई कर रहा है। ये कीमतें बाजार भाव के मुकाबले 15 से 30 डॉलर प्रति बैरल कम ऑफर की जा रही हैं। इसी वजह से भारत ने तेल का आयात बढ़ाया है। हालांकि अमेरिका और यूरोपीय देश भारत पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि वो रूस से तेल की खरीद बंद करे, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि फिलहाल उसके लिए सस्ती दरों पर तेल खरीदना प्राथमिकता है।
पहले भी फैसले का कर चुके हैं बचाव
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार विदेश मंत्री सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर भारत के रूस से तेल आयात करने के फैसले के बचाव में आए हैं। इससे पहले जयशंकर ने जून में स्लोवाकिया में ग्लोबसेक 2022 में रूस सेभारतीय तेल खरीद के खिलाफ अनुचित आलोचना पर पलटवार किया था। विदेश मंत्री ने यह सवाल किया कि केवल भारत से ही सवाल क्यों किया जा रहा है? जबकि यूरोप, युद्ध के बीच भी रूस से गैस का आयात जारी रखता है।
अमेरिका नहीं रहा सपनों का देश? बड़ी संख्या में देश छोड़ यूरोप पलायन करने लगे लोग, वजह ये है