
पाकिस्तान में J&K पर टिप्पणी के लिए भारत ने ड्रैगन को लताड़ा, OIC में बिगड़े थे चीनी विदेश मंत्री के बोल
नई दिल्ली, 24 मार्च: पाकिस्तान जाकर जम्मू-कश्मीर के मसले पर आग उगलने के लिए भारत ने चीन को जबर्दस्त लताड़ लगाई है। भारत ने बुधवार को यह बात दोहराई है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और पाकिस्तान में आयोजित मुस्लिम देशों के एक कार्यक्रम में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की उसपर की गई टिप्पणी 'बेवजह' है और उससे उसे कोई मतलब नहीं होना चाहिए। भारत ने चीन से दो टूक कह दिया है कि जम्मू-कश्मीर का मामला हमारा अपना मसला है और किसी भी देश को इस मुद्दे पर बेवजह टांग घुसाने कोशिश नहीं करनी चाहिए।

कश्मीर पर टिप्पणी के लिए चीन को लताड़
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान में चीन के विदेश मंत्री की टिप्पणी पर सवाल पूछे जाने पर कहा, 'केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से जुड़े मामले पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है। चीन समेत दूसरे देशों को इसपर टिप्पणी करके हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।'
मुस्लिम देशों के कार्यक्रम में चीन ने दिखाई पैंतरेबाजी
पाकिस्तान में आयोजित ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (ओआईसी) के उद्घाटन भाषण में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बेवजह कश्मीर पर टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कहा था, 'कश्मीर पर आज हमने फिर से अपने इस्लामिक दोस्तों की आवाजें सुनी हैं। और चीन भी वही उम्मीद रखता है।' चीन ने यह पैंतरेबाजी उस वक्त दिखाई है, जब भारत और चीन के बीच वांग यी की दो दिवसीय भारत दौरे की संभावना पर चर्चा चल रही है। दरअसल, चीन पहले भी अपने रणनीतिक मित्र पाकिस्तान को पुचकारने के लिए कश्मीर राग अलापने की कोशिश करता रहा है।
पाकिस्तान को पुचकाने की कोशिश में लगा रहा है चीन
पिछले महीने ही चीन-पाकिस्तान के साझा बयान में फिर से जम्मू और कश्मीर का जिक्र छेड़ा गया था, लेकिन तब भी भारत ने उसे खारिज करते हुए कहा था कि जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत का अभिन्न और अहस्तान्तरणीय भाग 'रहा है, है और आगे भी रहेगा।' चीन और पाकिस्तान के बीच यह साझा बयान 6 फरवरी को बीजिंग में वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की बातचीत के बाद जारी किया गया था। तब भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत ने 'हमेशा इस तरह के संदर्भों को खारिज किया है और हमारी स्थिति चीन और पाकिस्तान को अच्छी तरह से पता है।'
ड्रैगन पाकिस्तान को मरहम लगाने के लिए फिर भी इस पैंतरेबाजी से बाज नहीं आता है। पिछले साल जुलाई में भी उसने कहा था कि जम्मू और कश्मीर के मसले पर वह पाकिस्तान का समर्थन करता है। दरअसल, चीन पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी पैसा लगा रहा है और उसे ये भी डर है कि अगर भारत ने पीओके को अपने साथ मिला लिया तो उसके किए-कराए पर पानी फिर सकता है।