जिस कटासराज सरोवर में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने लगाई थी डुबकी, अब सूख रहा है वहां का पानी
नई दिल्ली। कहते हैं कि भगवान शिव अपनी पत्नी के सती होने के बाद इतने रोए थे कि वहां आंसूओं का एक पूरा तालाब ही बन गया था। पाकिस्तान में कल्लार कहर प्रांत में भगवान शिव, राम और हनुमान का मंदिर है। आज इसे कटास राज शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां पर्यटकों के लिए प्रमुख केंद्र बन चुका है। लेकिन, कटास राज शिव मंदिर का तालाब अब धीरे-धीरे सूख रहा है। वहीं, एक गांव का निवासी वसीम अहमद रजा इस तालाब के सूख रहे पानी को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण एजेंसियों को कदम उठाने के लिए गुहार भी लगा चुका हैं।
सीमेंट की फैक्ट्रियों से तालाब पर पड़ रहा है असर
वसीम अहमद रजा इस तालाब के सूखने का मुख्य कारण सीमेंट की फैक्ट्रियों को जिम्मेदार ठहारा रहे हैं, जिनकी वजह से यहा के पर्यावरण पर बूरा असर पड़ रहा है। करीब 20 फीट गहरा यह तलब और यहां का मंदिर अब अपने अंतिम चरण पर है। कटास राज मंदिर पाकिस्तान की विरासत का अहम हिस्सा हुआ करती थी, जो 650 और 950 AD में बना था।
कोर्ट जता चुका है आपत्ति
इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में लगातार आई खबरों के आधार पर इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया था। कटासराज मंदिर में बने तालाब के सरंक्षण में पाक सरकार के नाकाम होने के बाद अदालत आदेश दे चुका है कि सरकार इसे बचाने के लिए जल्द कदम उठाए। यह मंदिर पंजाब के चकवाल जिले से 40 किमी दूर कटास गांव में एक पहाड़ी पर बना है।
900 साल से ज्यादा पुराना मंदिर
कटासराज एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसे 900 साल से ज्यादा पुराना बताया जाता है। ऐसी मान्यताएं है आमजन में मशहूर हैं कि जब पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की टपके आंसुओं का पानी ही मंदिर के तालाब में है। ये मंदिर लगातार पाकिस्तान और पंजाब की सरकारों की अनदेखी का शिकार होता रहा है। मंदिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दु समुदाय के लिए आस्था का केंद्र है। भारत से भी हर साल महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर से लगा एक बौद्ध स्तूप पर भी काफी लोग जाते हैं।