जर्मनी में 60 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं लगेगा एस्ट्राजेनेका का टीका, जानिए क्या है वजह
बर्लिन। कोरोना वायरस की वैक्सीन के प्रभाव को लेकर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन पर कई सवालिया निशान खड़े हुए हैं। आलम ये है कि इस वैक्सीन पर प्रतिबंध लगना शुरू हो गया है। इस बीच जर्मनी में भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को 60 से कम उम्र के लोगों के लिए बैन कर दिया है। मंगलवार को सरकार ने ये ऐलान किया कि इस वैक्सीन की डोज केवल 60 साल से उपर के लोगों को दी जाएगी।
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क्यों लिया गया ये फैसला?
आपको बता दें कि जर्मनी में जिन लोगों ने इस वैक्सीन का डोज लिया है, उनके खून का थक्का जमने के मामले तेजी से सामने आए थे, इसीलिए प्रशासन ने ये फैसला लिया है। बर्लिन, म्यूनिख और पूर्वी प्रांत ब्रांडेनबर्ग के अधिकारियों ने अस्थायी रूप से टीकाकरण को रोकने का फैसला लिया। मंगलवार को जर्मनी के 16 राज्यों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई, जिसमें ये तय किया गया कि 60 साल से कम उम्र के लोगों को इस वैक्सीन का टीका नहीं लगाया जाएगा। हालांकि फिर अगर इसका टीका लगवाना चाहें तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें।
एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से 9 लोगों की मौत!
आपको बता दें जर्मनी में एस्ट्राजेनेका के टीके के दुष्प्रभाव काफी अधिक देखने को मिल रहे हैं। 29 मार्च तक टीका लगवाने लोगों में रक्त का थक्का जमने की कुल 31 रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, उनमें से 9 लोगों की मृत्यु हो गई और ज्यादातर मामलों में लोगों की उम्र 20 से 63 वर्ष के बीच थी। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने भी कहा है कि एक्सपर्ट ने हाल के कुछ हफ्तों में एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाने वाले लोगों के अंदर thrombosis के लक्षण देखने को मिले हैं।