इमरान खान की PTI का हो जाएगा MQM पार्टी जैसा हाल? PAK फौज से टकराने का क्या होता है अंजाम, देख लीजिए
अगर आर्मी एक्ट के तहत इमरान खान के खिलाफ मुकदमा चलता है, तो उन्हें उम्र कैद या फिर फांसी की सजा भी हो सकती है और चूंकी ये मामला पाकिस्तान का है, लिहाजा फांसी की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Imran Khan Pakistan Army MQM: इमरान खान पिछले एक साल से पाकिस्तान सेना के खिलाफ ताल ठोक रहे थे और अब पाकिस्तान की सेना ने उन्हें 'गद्दार' घोषित कर दिया है। इमरान खान के ऊपर जल्द ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने की संभावना है, जिसके बाद आर्मी की अदालत में उनके भाग्य का फैसला किया जाएगा।
इमरान खान के तेवर पिछले 24 घंटों में काफी नरम पड़े हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है, कि इतना सब होने के बाद पाकिस्तान की फौज उन्हें माफ कर देगी, इसकी गुंजाईश नहीं के बराबर है।
पाकिस्तान की राजनीति को काफी गहराई से समझने वाले ओआरएफ रिसर्च फाउंडेशन के साथी, सुशांत शरीन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, कि "इमरान खान के पास अब वापसी का रास्ता नहीं है, और इमरान ने ऐसी स्थिति खुद बनाई है। अब इमरान खान की पार्टी का फिर से सत्ता में आना, करीब करीब नामुमकिन है और उनकी पार्टी का हाल एमक्यूएम पार्टी जैसा कर दिया जाएगा, जिसके सिर्फ अवशेष ही पाकिस्तान में बचे हैं।"
खत्म कर दी जाएगी इमरान खान की पार्टी
कुछ महीने पहले तक इमरान खान की पार्टी के नेता रहे फैसल बावड़ा, जो इमरान खान की सरकार में संघीय मत्री भी थे, उन्होने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के बीच एक बहुत ही समानांतर रेखा खींची है।
उन्होंने यह संकेत दिया है, कि पूर्व सत्ताधारी पार्टी पीटीआई का भाग्य भी एमक्यूएम की तरह ही हो सकता है।
बुधवार को कराची में मीडिया से बात करते हुए वावड़ा ने अपनी पूर्व राजनीतिक पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, कि पीटीआई कराची की अगली एमक्यूएम बनने जा रही है।
आपको बता दें, कि एमक्यूएम पाकिस्तान में काफी तेजी से ऊपर जा रही राजनीतिक पार्टी थी, जिसके अध्यक्ष थे अल्ताफ हुसैन। अल्ताफ हुसैन अपने भड़काई भाषणों के लिए जाने जाते थे और साल 2012 में उन्होंने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
2012 में भी पाकिस्तान में सेना के खिलाफ प्रदर्शन किए गये थे, जिसकी अगुवाई अल्ताफ हुसैन कर रहे थे, लेकिन उसके बाद अल्ताफ हुसैन की राजनीति ही पाकिस्तानी सेना ने खत्म कर दी और उनकी पार्टी 2016 में दो हिस्सों में बंट गई और बाद में इतनी कमजोर हो गई, कि उसपर तरस खाने वाला भी कोई नहीं रहा।
MQM जैसा इमरान की पार्टी का हाल
हालांकि, MQM इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ जैसी बड़ी पार्टी नहीं है, लेकिन सेना की वजह से ही एमक्यूएम के दो हिस्से हो गये। एक MQM पाकिस्तान, दूसरा MQM लंदन। अब MQM-पाकिस्तान के सिर्फ एक सांसद हैं, जिनका नाम खालिद मकबूल सिद्दिकी है, जो शहबाज शरीफ के साथ हैं।
ऐसा कहा जाता है, कि MQM पार्टी के नेताओं को पाकिस्तानी सेना ने डराया और आईएसआई ने इस खेल में अहम योगदान दिया। आईएसआई, पाकिस्तान में नेताओं और पत्रकारों को गायब करने के लिए जानी जाती है और एमक्यूएम के नेताओं के साथ भी यही हुआ।
MQM के अल्ताफ हुसैन अभी भी सेना के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं, लेकिन लंदन में बैठकर। सेना से डरकर वो लंदन भाग चुके हैं और निर्वासित जीवन जी रहे हैं। पाकिस्तान की राजनीति से उन्हें उखाड़कर सेना लंदन में फेंक चुकी है। पिछले दिनों भी अल्ताफ हुसैन ने कहा था, कि जिन्ना का कत्ल पाकिस्तानी सेना ने जहर देकर किया था।
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MQM के अल्ताफ हुसैन लंदन में बैठकर इमरान खान को समर्थन दे रहे हैं और एक्सपर्ट्स का कहना है, कि हो सकता है कुछ महीनों के बाद इमरान खान का भी अल्ताफ हुसैन जैसा हाल हो जाए, जिन्हें पाकस्तानी सेना देश से बाहर निकल जाने का ऑप्शन दे और वो लंदन को अपना नया घर बनाएं।
आपको बता दें, कि 2016 में MQM के कार्यकर्ताओं ने एक टीवी चैनल पर भी हमला किया था, जिसके बाद मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के हेडक्वार्टर पर सेना ने ताला जड़ दिया था और उसके साथ ही, एमक्यूएम का वजूद खत्म हो गया था।
लिहाजा, माना जा रहा है, कि जिस तरह से इमरान खान की पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर टॉर्चर किया जा रहा है और जिस तरह से अब इमरान खान के करीबी नेता भी पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं, उनकी पार्टी का भी एमक्यूएम जैसा हाल हो सकता है। या तो उनकी पार्टी टूटकर बिखड़ जाएगी, या फिर अकेले इमरान खान बचेंगे।