क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार बचेगी या जाएगी? बढ़ी सरगर्मी

पाकिस्तान के विपक्षी गठबंधन ने संसद सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है और उसका दावा है कि जब यह सदन में रखा जाएगा तो इमरान ख़ान सत्ता से बाहर हो जाएंगे.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी दल संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. उनका दावा है कि इमरान ख़ान के 'दिन गिने जा चुके हैं' और 'उनके अपने लोग उनसे ऊब चुके हैं.'

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तानी पीएम भी सक्रिय हो गए हैं. बुधवार को इमरान ख़ान अपने सहयोगी दल MQM-P के मुख्यालय कराची जाएंगे.

विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली सचिवालय में जमा कराया और इसके साथ-साथ उन्होंने असेंबली का सत्र बुलाने की भी मांग की है. अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का फ़ैसला विपक्षी पार्टियों के साझा सम्मेलन में लिया गया था.

इस सिलसिले में विपक्षी नेताओं शहबाज़ शरीफ़, आसिफ़ अली ज़रदारी और जेयूआईएफ़ के प्रमुख और पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने इस्लामाबाद में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नेशनल असेंबली यानी संसद के 172 से अधिक सदस्यों का समर्थन उन्हें हासिल है.

अविश्वास प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के राजनीतिक मामलों के विशेष सहायक शहबाज़ गिल ने कहा है कि 'हम विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का स्वागत करते हैं और उनका मुक़ाबला करेंगे.'

सूचना मंत्री फ़वाद चौधरी का कहना है कि 'सब बौने मिलकर ज़ोर लगा लें, हार एक बार फिर राजनीतिक बौनों का भविष्य है.'

'राष्ट्रीय हित के लिए फ़ैसला लिया गया'

विपक्षी पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस के मौक़े पर विपक्षी नेता शहबाज़ शरीफ़ का कहना था कि बीते रोज़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, जेयूआई और मुस्लिम लीग-एन समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का सम्मेलन हुआ था और आज अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में जमा कराया गया है.

उन्होंने कहा कि 'तमाम पार्टियों ने अपने सदस्यों के हस्ताक्षर लिए हैं. इसे ख़ुफ़िया रखा गया था.'

इसकी ज़रूरत क्यों पेश आई, इस बारे में उनका कहना था कि 'क़रीब चार साल के दौरान चुनी हुई सरकार ने जो कुछ इस देश के साथ आर्थिक और सामाजिक रूप से किया, उसका कोई उदाहरण नहीं मिलता है.'

"सबसे ज़्यादा परेशानी की बात महंगाई और बेरोज़गारी है और फिर मुल्क के अंदर क़र्ज़ लेकर 22 करोड़ जनता को गिरवी रख दिया गया है. खरबों के क़र्ज़ों के बदले में नई ईंट लगी नज़र नहीं आती. उनको एक ही काम आता है, अतीत की तख़्तियां उखाड़कर नई तख़्तियां लगाई जा रही हैं."

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को लेकर शहबाज़ शरीफ़ कहते हैं कि ये सिर्फ़ राष्ट्र हित के लिए किया गया है.

आख़िरकार अविश्वास प्रस्ताव जमा

असेंबली नियमों के मुताबिक़ नेशनल असेंबली का स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के तीन से लेकर सात दिन के दौरान नेशनल असेंबली में इस पर वोटिंग करवाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

विपक्षी गठबंधन की पार्टियों का दावा है कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नेशनल असेंबली के 200 सदस्यों का समर्थन हासिल है. अविश्वास प्रस्ताव की सफलता के लिए 172 वोटों की ज़रूरत है.

बीते काफ़ी समय से प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की बात की जा रही थी. हालांकि इसको लेकर कोई वक़्त तय नहीं किया गया था.

ग़ौरतलब है कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पंजाब प्रांत के मीलसी इलाक़े में एक जनसभा में कहा था कि वो अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार हैं.

उन्होंने विपक्ष से सवाल किया था कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने की सूरत में वो उनके (विपक्ष) साथ जो कुछ करेंगे क्या वो उसके लिए तैयार भी हैं?

अविश्वास प्रस्ताव क्या है?

अविश्वास प्रस्ताव
Getty Images
अविश्वास प्रस्ताव

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 95 के तहत प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में पेश किया जा सकता है.

अविश्वास प्रस्ताव के लिए नेशनल असेंबली की कुल सदस्यता के कम से कम 20 फ़ीसदी सदस्यों को एक लिखित सूचना संसद के सचिवालय में जमा करवानी होती है.

इसके बाद तीन दिन से पहले या सात दिन बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हो सकती. नेशनल असेंबली की कुल सदस्यता के बहुमत से इस प्रस्ताव को मंज़ूर हो जाने पर प्रधानमंत्री अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं.

इस वक़्त नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए 172 वोटों की ज़रूरत है.

किसके पास कितने वोट

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली या संसद की वेबसाइट के मुताबिक़ सत्तारुढ़ पार्टी पीटीआई के पास सहयोगी दलों के साथ 178 सदस्यों का समर्थन हासिल है.

इन सदस्यों में सत्तारूढ़ पीटीआई के 155 सदस्य, एमक्यूएम के सात, बीएपी के पाँच, मुस्लिम लीग क्यू के पाँच सदस्य, जीडीए के तीन और अवामी मुस्लिम लीग के एक सदस्य गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं.

इमरान ख़ान
Reuters
इमरान ख़ान

दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 162 है. इसमें विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी मुस्लिम लीग-एन के सदस्यों की संख्या 84, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के 57 सदस्य, मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल के 15, बीएनपी के चार जबकि अवामी नेशनल पार्टी के एक सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा दो स्वतंत्र सांसद भी इस विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं.

अगर संख्या बल को देखें तो विपक्षी गठबंधन को सिर्फ़ 10 और सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है. जमात-ए-इस्लामी जिनके पास संसद की एक सीट है, उसने फ़िलहाल किसी का साथ देने का ऐलान नहीं किया है.

अब विपक्षी गठबंधन की ओर से सत्तारूढ़ गठबंधन के दल मुस्लिम लीग क्यू और एमक्यूएम के अलावा जहांगीर तरीन समूह से भी संपर्क किया जा रहा है. जहांगीर तरीन समूह का दावा है कि उनके साथ इस वक़्त सात सांसद नेशनल असेंबली में हैं.

विपक्षी गठबंधन के दल प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव की कामयाबी के लिए सरकार के सहयोगी दलों से मुलाक़ातें कर रहे हैं.

ये दावे भी किए जा रहे हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई के कुछ सदस्यों से भी विपक्षी गठबंधन संपर्क में है.

सत्तारूढ़ दल के नेताओं या विपक्षी गठबंधन के नेताओं से बात की जाए तो सभी इस बात को लेकर सहमत हैं कि वो ही कामयाब होंगे.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Imran Khan government in Pakistan?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X