विवादों के बीच राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग लेने फ्रांस पहुंची भारतीय वायुसेना की टीम
नई दिल्ली। फ्रांसिस कंपनी डसॉल्ट से मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर भारत में भले ही विवाद चल रहा है, लेकिन इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) ने अपनी एक टीम को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग के लिए फ्रांस भेज दिया है। इंडियन एयर फोर्स की एक छह सदस्यीय टीम फ्रांस पहुंची है, जिसमें एक पायलट, एक इंजीनियर और चार टेक्नीशियन शामिल है। इंडियन एयर फोर्स की यह टीम पूर्वी फ्रांस के सेंट डिजियर-रोबिंसन एयर बेस पर अगले कुछ माह तक ट्रेनिंग लेगी।
2022 तक मिलेंगे 36 विमान
सूत्रों के मुताबिक अगले साल सितंबर में राफेल जेट भारत को मिलने शुरू हो जाएंगे और अप्रैल 2022 तक 36 विमान मिलेंगे। इस बीच, कई आईएएफ कर्मचारी पिछले कुछ महीनों में नियमित रूप से फ्रांस जा रहे हैं, ताकि ज्वॉइंट फ्लाइंग और राफेल उडान में डसॉल्ट और फ्रांसीसी वायुसेना के पायलटों से मदद मिल सके। इनमें से 13 राफेल फाइटर जेट इंडियन एयर फोर्स द्वारा संचालित किए जाएंगे।
25 हजार किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ेगा राफेल
करीब 16 मीटर लंबाई वाले राफेल को में एक या दो पायलट बैठ सकते हैं, जो ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है।
एक बार में 125 राउंड गोलियां दागने में सक्षम
इसके अलावा इसमें इसमें 1.30 mm की एक गन लगी होती है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां दागने की क्षमता रखती है। इसके अलावा इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है।
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