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पीएम मोदी को गले लगाने के बाद राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ही दिया उन्‍हें धोखा!

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वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांचवां अमेरिकी दौरा खत्‍म हो गया। उनके इस दौरे के साथ लोगों का वह इंतजार भी खत्‍म हुआ जो पीएम मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का पहला हैंडशेक देखने के लिए बेचैन थे। पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति ट्रंप ने करीब पांच घंटे साथ में बिताए और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी हुई। दोनों को साथ में हंसते हुए देखने और गले मिलते देखने के बाद कई लोगों ने माना कि ट्रंप अब पीएम मोदी के लिए सच्‍चे साथी बन सकते हैं। लेकिन जहां लोग कुछ ऐसा सोच रहे थे तो वहीं ट्रंप प्रशासन कुछ ऐसा करने वाला था जो मोदी को धोखा देने से कम नहीं था। जानिए आखिर ऐसा क्‍या ट्रंप की टीम ने और कैसे अमेरिकी मीडिया ने दोनों की मुलाकात पर कई तरह की टिप्‍पणियां कीं।

कोई सवाल नहीं

कोई सवाल नहीं

सोमवार को दोनों नेताओं की मुलाकात हुई और दोनों ने एक ज्‍वाइंट स्‍टेटमेंट भी जारी किया। लेकिन इस मुलाकात से पहले ही अमेरिकी मीडिया को निर्देश दे दिए गए थे कि कोई भी सवाल नेताओं से पूछा नहीं जाएगा। हालांकि जिस समय मोदी और पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात हुई थी तो उस समय भी एक बार ऐसा हुआ था जब मीडिया के लिए सवाल-जवाब का कोई सेशन नहीं रखा गया था। कहा जा रहा है कि भारत की ओर से इस बात का अनुरोध किया गया था। व्‍हाइट हाउस के एक अधिकारी की मानें तो दोनों नेताओं की ओर से इस बात की इच्‍छा जाहिर की गई थी। वहीं भारत ने इस बात पर अभी तक कुछ नहीं कहा है। वैसे आपको बता दें कि ट्रंप ने पिछले माह अपना पहला विदेश दौरा पूरा किया है और अमेरिकी मीडिया ने इस दौरे को भी उस तरीके से कवर नहीं किया जिस तरह से वह अपने पूर्व राष्‍ट्रपतियों के दौरे को कवर करती आई है।

वॉशिंगटन पोस्‍ट

वॉशिंगटन पोस्‍ट

वॉशिंगटन पोस्‍ट ने 'नो क्‍वैश्‍चन अलाउड,' टाइटल से एक आर्टिकल लिखा है। इस आर्टिकल में लिखा है ट्रंप ने भारत के मोदी के साथ अपनी करीबियां बढ़ाईं लेकिन मीडिया को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। वॉशिंगटन पोस्‍ट के मुताबिक ट्रंप ने इस बात को जोर-शोर से कहा कि दोनों नेता सोशल मीडिया पर वर्ल्‍ड लीडर हैं और उन्‍होंने लोगों के साथ कम्‍युनिकेशन का एक‍ जरिया खोला है। लेकिन दोनों नेताओं की मौजूदगी में ही भारत और अमेरिका की मीडिया को पूरी तरह से किनारे कर दिया। मीडिया को पहले ही साफ कर दिया गया था कि सवाल-जवाब सत्र के दौरान दोनों से कोई भी सवाल नहीं पूछा जाएगा। आर्टिकल की मानें तो भले ही मोदी और ट्रंप के लिए 30 मिलियन से ज्‍यादा ट्विटर फॉलोअर्स की अहमियत हो लेकिन दोनों ही नेताओं ने धूप में बैठे पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। ऐसा करके व्‍हाइट हाउस के रोज गार्डन की एक परंपरा को तोड़ दिया गया है।

न्यूयॉर्क टाइम्‍स

न्यूयॉर्क टाइम्‍स

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने टाइटल 'ट्रंप मीट्स इंडियाज लीडर' के साथ आर्टिकल लिखा है। इस आर्टिकल में अखबार ने लिखा है कि ट्रंप अपने मतलब के लिए चीन पर बात करते नजर आए और सोशल मीडिया पर दोनों कितने पॉपुलर हैं इसका जिक्र करना नहीं भूले। दोनों ही नेता ट्विटर और फेसबुर पर काफी सक्रिय हैं लेकिन न्‍यूज मीडिया को किनारे रखना काफी अच्‍छे से जानते हैं। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के मुताबिक भारत और अमेरिका दोनों ही राजनीतिक तौर पर चीन के विरोधी हैं और इनकी मुलाकात साफतौर पर चीन को एक संदेश है।

फाइनेंशियल टाइम्‍स

फाइनेंशियल टाइम्‍स

फाइनेंशियल टाइम्‍स ने 'ट्रंप एंड मोदी एंब्रेस यूएस-इंडिया फ्रेंडशिप,' टाइटल से आर्टिकल लिखा। इस आर्टिकल में लिखा है कि ट्रंप ने भारत को एक सच्‍चा दोस्‍त बताया और पीएम मोदी उनसे हाथ मिलाने के लिए बढ़े और इसके बाद उन्‍होंने ट्रंप को गले लगाया। इसके तुरंत बाद ट्रंप ने टिप्‍पणी की और पीएम मोदी ने फिर से ट्रंप को गले लगाया। वहीं टाइम मैगजीन ने लिखा कि अभी कुछ हफ्तों पहले ट्रंप ने भारत पर पेरिस क्‍लाइमेट कंट्रोल से फायदा हासिल करने वाला देश बताया था। इस टिप्‍पणी के अलावा टाइम मैगजीन ने इस मुलाकात पर और कुछ भी नहीं लिखा है।

Comments
English summary
US media has given coverage to Prime Minister Narendra Modi and President Donald Trump's first meeting. However media seems in criticism mode as there was no question allowed to ask.
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