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Hijab Ban: क्या कंपनियों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है? यूरोपीय कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

हिजाब पर प्रतिबंध एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिसने वर्षों से यूरोप को विभाजित किया है। साल 2004 में फ्रांस, जो यूरोप के सबसे बड़े मुस्लिम अल्पसंख्यकों का घर है, उसने सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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Hijab Controversy: कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को लेकर भारत में चल रहे विवाद के बीच यूरोपीय संघ की अदालत कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूरोपीयन यूनियन (सीजेईयू) ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है और कहा है, कि कंपनियां हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। यूरोपीय संघ के इस फैसले का व्यापक असर होने वाला है, क्योंकि अब यूरोपीय कंपनियां अपने हिसाब से हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।

यूरोपीय कोर्ट का फैसला क्या है?

यूरोपीय कोर्ट का फैसला क्या है?

कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूरोपीयन यूनियन (सीजेईयू) ने अपने फैसले में कहा है कि, यूरोपीय संघ (ईयू) की कंपनियां हिजाब पर प्रतिबंध लगा सकती हैं, यदि यह सभी हेडवियर पर व्यापक प्रतिबंध का हिस्सा है। यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत ने कहा कि, हेडवियर पर सामान्य प्रतिबंध धार्मिक आधार पर श्रमिकों के साथ भेदभावपूर्ण नहीं है और यूरोपीय संघ के कानून को नहीं तोड़ा है। इस फैसले का मतलब ये है, कि अगर किसी कंपनी ने सिर ढकने पर सामान्य प्रतिबंध लगा रखा है, यानि टोपी पहनना, स्कार्फ पहनने पर भी बैन लगा रखा है, तो वो कंपनी हिजाब पहनने पर भी प्रतिबंध लगा सकती है और वो किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा।

मामला क्या है?

मामला क्या है?

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगे ये ना लगे, ये मामला CJEU के संज्ञान में तब लाया गया, जब एक मुस्लिम महिला को कंपनी ने बताया कि, वह हिजाब नहीं पहन सकती। ये मामला बेल्जियम का था और मुस्लिम महिला ने कंपनी में 6 हफ्ते के लिए एक इंटर्नशिप प्रोग्राम को ज्वाइन किया था। कंपनी ने महिला से कहा कि, उसके पास एक सिर ढंकने से संबंधित सामानों को लेकर एक न्यूट्रल पॉलिसी है, जिसके मुताबिक कंपनी का कोई भी कर्मचारी अपने सर को ढंककर कंपनी में काम नहीं कर सकता है और इस नियम के तहत कंपनी में हिबाज भी नहीं पहना जा सकता है। जिसके बाद ये मामला बेल्जिमय की एक अदालत में चला गया और फिर अदालत ने यूरोपीय संघ के कानून पर स्पष्टीकरण के लिए हिजाब विवाद को यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत CJEU को भेज दिया। जिसपर अब यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया है, कि हेडवियर पर सामान्य प्रतिबंध यूरोपीय संघ के कानून को नहीं तोड़ता है। यानि, अगर कंपनियों का उद्येश्य धार्मिक तौर पर भेदभावपूर्ण नहीं है, तो वो हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।

तटस्थता के लिए प्रतिबंध सही

तटस्थता के लिए प्रतिबंध सही

वहीं, यूरोपीय संघ के अदालत के फैसले के बाद अब बेल्जियम की अदालत को अब यह तय करना होगा, कि क्या कंपनी ने हिजाब पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो धार्मिक भेदभावपूर्ण है या नहीं। इससे पहले 2021 में CJEU ने कहा था कि, यूरोपीय संघ की कंपनियां कर्मचारियों को हेडस्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध लगा सकती हैं, यदि उन्हें तटस्थता की छवि पेश करने की आवश्यकता होती है। यूरोपीय संघ का ये फैसला आने वाले वक्त में अलग अलग देशों के लिए एक नजीर बन सकता है, क्योंकि अब ज्यादातर देशों में हिबाज पहनने या नहीं पहनने को लेकर विवाद शुरू हो चुके हैं। कर्नाटक स्कूल हिबाज विवाद भी कुछ इसी तरह का मामला है, जिसमें स्कूल प्रशासन का कहना था, कि लड़कियों के हिजाब पहनकर स्कूल आने से बच्चों के बीच भेदभाव होता है और स्कूल में किसी भी तरह के भेदभाव के लिए जगह नहीं है।

यूरोपीय देशों में हिजाब पर प्रतिबंध

यूरोपीय देशों में हिजाब पर प्रतिबंध

हिजाब पर प्रतिबंध एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिसने वर्षों से यूरोप को विभाजित किया है। साल 2004 में फ्रांस, जो यूरोप के सबसे बड़े मुस्लिम अल्पसंख्यकों का घर है, उसने सरकारी स्कूलों में इस्लामिक हेडस्कार्फ़ पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद भारी बवाल भी हुआ था, लेकिन फ्रांस सरकार अपने फैसले पर अडिक रही। वहीं, फ्रांस पहला यूरोपीय देश भी है, जिसने सार्वजनिक स्थानों पर नकाब और बुर्का जैसे पूरे चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस बीच जर्मनी में भी हेडस्कार्फ़ पहनने को लेकर विवाद जारी है और स्कूल के टीचर हिजाब या चेहरे को ढंकने के विरोध में हैं, जिसको लेकर फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है। यानि, जर्मनी का मामला भी बहुत हद तक कर्नाटक हिजाब विवाद जैसा ही है। वहीं, नीदरलैंड में स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन पर नकाब और बुर्का पहनने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।

Hijab Ban: हिजाब पर बवाल के बीच अब स्विट्जरलैंड में बुर्का पर लगेगा प्रतिबंध, चेहरा ढका तो लगेगा भारी फाइनHijab Ban: हिजाब पर बवाल के बीच अब स्विट्जरलैंड में बुर्का पर लगेगा प्रतिबंध, चेहरा ढका तो लगेगा भारी फाइन

English summary
Whether the wearing of hibaaz can be banned in companies, European Union Top Court verdict comes.
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