पाकिस्तान में कोरोना दर में गिरावट से वहां के स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी हैरान-परेशान हैं
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी 6 महीने जब पाकिस्तान में सामने आया था, तब पाकिस्तान की हालत किसी से छुपी नहीं थी। पाकिस्तान सरकार तो पहले से डूबी हुई अर्थव्यवस्था के चलते लॉकडाउन लगाने से भी परहेज किया था, जिसका असर यह हुआ था कि पाकिस्तान में शुरूआत में महामारी का सबसे बुरा असर दिखा था, लेकिन वर्तमान में पाकिस्तान में कोरोना दर में आई गिरावट ने वहां के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी हैरान-परेशान कर रखा है। वो चकित हैं कि आखिर पाकिस्तान में कोरोना दर में गिरावट का क्या कारण है जबकि पाकिस्तान के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत किसी से छिपी नहीं है।
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पाकिस्तान में शुरुआती उछाल के बाद कोरोना दर में अचानक कमी आई
पाकिस्तान में शुरुआती उछाल के बाद कोरोना महामारी हाल के कुछ हफ्तों में पाकिस्तान में संक्रमण की संख्या में अचानक कमी आने लगी, वहां कोविद -19 से मौत हर दिन एकल अंकों में हो रही है, जबकि पड़ोसी देश भारत में वर्तमान में न केवल कोरोना के नए मामलों की बाढ़ आई हुई है, बल्कि रोजाना सैकड़ों की संख्या में मौतें हो रही हैं।
पाकिस्तान का संक्रामक रोगों को विफल करने का लंबा इतिहास रहा है
दिलचस्प आंकड़े यह है कि पाकिस्तान में पोलियो, तपेदिक और हेपेटाइटिस जैसे असंख्य संक्रामक रोगों को विफल करने का एक लंबा इतिहास रहा है। यह तब है जब वहां की सरकारों ने दशकों तक पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लगातार कमज़ोर किया है। ताज्जुब की बात यह है कि आज भी पाकिस्तानी भीड़ भरे, बहु-पीढ़ी के घरों मसलन पैक्ड अपार्टमेंट इमारतों में रहते हैं, जो बड़े पैमाने पर वायरस संचरण का कारक माने जाते हैं।
पाकिस्तान में कोरोना में गिरावट की व्याख्या करने में कोई सक्षम नहीं है
पूर्वी शहर लाहौर के एक डॉक्टर सलमान हसीब ने कहा कि कोई भी पाकिस्तान में कोरोना महामारी के संक्रमण में गिरावट की व्याख्या करने में कोई सक्षम नहीं है, हमारे पास इसका कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं है। पाकिस्तानियों ने अपने देश की महामारी से बचने की संभावना के लिए कई परिकल्पनाओं का प्रस्ताव दिया है, इनमें युवा आबादी और प्राकृतिक प्रतिरक्षा के अप्रमाणित दावे शामिल है। वो इसके लिए गर्म और आर्द्र जलवायु का श्रेय देते हैं।
पाकिस्तान में अभी तक कुल 295,000 से अधिक संक्रमणों की पुष्टि हुई है
दक्षिण एशियाई राष्ट्र पाकिस्तान में अभी तक कुल 295,000 से अधिक संक्रमणों की पुष्टि हुई है और वर्तमान में प्रति दिन वहां कुछ सौ नए मामले दर्ज हो रहे हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि सीमित टेस्टिंग से संक्रमण की सही संख्या बहुत अधिक होने की संभावना है, लेकिन पाकिस्तान के अस्पतालों के सबूत कोरोना दर में गिरावट के रुख का समर्थन करते हैं। लाहौर में एक टेस्टिंग एक्सरसाइज में सुझाव दिया गया था कि शहर की 7 फीसदी आबादी वायरस के संपर्क में थी।
पाकिस्तानी डॉक्टर आपातकालीन सेवाओं पर कोरोना मरीज नहीं देख रहे हैंं
मुल्तान के मध्य शहर में निश्तर अस्पताल के डॉक्टर खेसर हयात ने बताया कि शुरू में पाकिस्तान में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया गया था, पाकिस्तान में डॉक्टरों ने बताया कि अब वे आपातकालीन सेवाओं पर कोरोनोवायरस से संबंधित बीमारी नहीं देख रहे हैं। अच्छी बात यह कही जा रही है कि वायरस की पहली लहर पाकिस्तान में लगभग खत्म हो गई है।
पाकिस्तान में लागू किए गए स्मार्ट लॉकडाउन को इसका श्रेय दिया जा रहा है
बकौल खेसर हयात, पाकिस्तान में स्थिति अब नियंत्रण में है और कोरोनावायरस मामलों की संख्या गिर रही है, वार्ड खाली हो रहे हैं, लेकिन यह जानना मुश्किल है कि क्यों? हालांकि पाकिस्तान में लागू किए गए स्मार्ट लॉकडाउन का श्रेय दिया जा रहा है।
पाक पीएम ने कोरोना दर में गिरावट के लिए स्मार्ट लॉकडाउन को श्रेय दिया
खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना दर में गिरावट के लिए स्मार्ट लॉकडाउन नीतियों और अन्य उपायों का श्रेय दिया है। यह अलग बात है कि उन्होंने खुद चिल्ला-चिल्लाकर कई बार कहा है कि वो पाकिस्तान में लॉकडाउन नहीं थोप सकते हैं। सच्चाई भी यही थी कि पाकिस्तान में लॉकडाउन कभी पूरी तरह से लागू ही नहीं किए गए।
पाकिस्तान में दूसरी लहर की संभावना अभी भी बनी हुई है: पाक एक्सपर्ट
पाकिस्तान के एक सूक्ष्मजीवविज्ञानी हसन वसीम को चेतावनी देते हुए कहा, "लोगों को लगता है कि हमने कोविद -19 को हराया है, लेकिन मेरी धारणा यह है कि पाकिस्तान में दूसरी लहर की संभावना अभी भी बनी हुई है। हालांकि अन्य डॉक्टरों का कहना है कि देश में महामारी का चरम अनुभव हुआ है।