हावर्ड वैज्ञानिक का रिसर्च कामयाब, बहुत जल्द हजारों साल तक इंसानों का जिंदा रहना होगा संभव
प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि चूहों पर एक एक्सपेरिमेंट किया गया है और इस एक्सपेरिमेंट से ये साबित हो गया है कि इंसानी शरीर के भी कई अंगों में बुढ़ापे के असर को उल्टा किया जा सकता है।
वॉशिंगटन, जून 09: धरती पर कौन ऐसा इंसान नहीं है जो लंबा से लंबा जीना नहीं चाहता है। हर इंसान की चाहत होती है कि वो हमेशा जीए। अमर हो जाए। और अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए इंसान तरह तरह के उपाय करता आया है। लेकिन हावर्ड यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि जल्द ही इंसान हजारों सालों तक जिंदा रह पाएंगे और एक तरह से कहें तो जल्द ही इंसानों की अमर होने की चाहत पूरी हो पाएगी।
Recommended Video
हावर्ड वैज्ञानिक का दावा
हावर्ड के प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने इंसानों के लिए एक असंभव सा दावा किया है। असंभव इसलिए क्योंकि एक इंसान अगर सौ सालों की जिंदगी जी ले तो लोगों के बीच वो इंसान चर्चा का विषय बन जाता है। लेकिन, हावर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा है कि महज दो सालों के बाद इंसान हजारों हजार साल तक जिंदा रहने का सपना सच कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने चूहों पर हुए एक एक्सपेरिमेंट का हवाला दिया है।
चूहों पर हुआ एक्सपेरिमेंट
प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि चूहों पर एक एक्सपेरिमेंट किया गया है और इस एक्सपेरिमेंट से ये साबित हो गया है कि इंसानी शरीर के भी कई अंगों में बुढ़ापे के असर को उल्टा किया जा सकता है। प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने एक पोडकास्ट के दौरान कहा कि 'रिसर्च के दौरान पता चला है कि एक ऐसा भ्रूण जीन्स होता है, जिसे अगर किसी वयस्क पशु के शरीर में डाल दिया जाए तो उसके उम्र से जुड़े टिश्यू को फिर से बनाया जा सकता है और इसे काम करने में तीन से चार हफ्ते का वक्त लगता है।' प्रोफेसर ने कहा कि 'आप एक अंधे चूहे को ले सकते हैं, जो उम्र के बढ़ते प्रभाव की वजह से नहीं देख पाता हो और उसके ब्रेक के साइड में जो न्यूरॉन रहता है, उसने काम करना बंद कर दिया हो और अगर उस न्यूरॉन्स को जीन्स की मदद से फिर से निर्माण कर दिया जाए तो वो चूहा फिर से देखने में सक्षम हो जाएगा।'
100 साल जीने का लक्ष्य रखें बच्चे
52 साल के हावर्ड प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि उनका रिसर्च पिछले साल दिसंबर में पब्लिश हुआ है। डिसमें उन्होंने साबित कर दिया है कि एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत कोशिकाओं को फिर से युवावस्था की तरफ लाया जा सकता है। वहीं, भ्रूण जीन्स के बारे में प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि 'हमने इसका इस्तेमाल उन चूहों पर किया है जो काफी पहले वृद्धावस्था में पहुंच चुके हैं और वो अपनी क्षमता फिर से हासिल कर रहे हैं।'
2 साल में इंसानों पर ट्रायल
प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि वो बहुत आशावादी इंसान हैं और अगले दो सालों के बाद वो इस रिसर्च का इस्तेमाल इंसानों पर करने जा रहे हैं। वहीं, आधुनिक दवाओं से इंसनों के जीवन को क्या बढ़ाया जा सकता है, इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर ने कहा कि आज के समय में जन्म लेने वाले बच्चों को 100 साल जिंदा रहने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने खास तौर पर इस बात पर जोर दिया है कि इंसानों के जीवन की कोई अधिकतम सीमा नहीं हो सकती है और इंसान हजारों सालों तक जिंदा रह सकता है।
चीन की लैब में बंदरों पर खतरनाक प्रयोग, जीन्स बदलकर बनाए हजारों बंदर, जिनपिंग की सेना की निगरानी