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अगले 20 दिनों तक आकाश में दिखेगा हजारों साल में एक बार नजर आने वाला धूमकेतू , जानिए खास बातें

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नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच इस साल बहुत सारी खगोलीय घटनाओं का गवाह पूरा विश्व बना है, 5 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच दुनिया ने तीन ग्रहण ( दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण) को देखा तो वहीं 14 जुलाई को भी एक महत्वपूर्ण और अद्भूत घटना की गवाह पूरी दुनिया बनेगी, दरअसल कई हजारों साल में एक बार दिखने वाला नियोवाइज धूमकेतु 14 जुलाई की रात को आकाश में दिखाई देगा, ये उत्तरी गोलार्ध के लोगों को आसानी से नजर आएगा, जिसका अर्थ ये हुआ कि भारतवासी धूमकेतु देख पाएंगे।

14 जुलाई को नजर आएगा नियोवाइज धूमकेतु

14 जुलाई को नजर आएगा नियोवाइज धूमकेतु

मालूम हो कि मार्च के महीने में नासा ने कहा था कि धरती से 200 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित एक नियोवाइज धूमकेतु है, अब वो ही धूमकेतू धरती के निकट आ रहा है, जिसे 14 जुलाई को आसानी से देखा जा सकता है।

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 22 और 23 जुलाई को धूमकेतु पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा

22 और 23 जुलाई को धूमकेतु पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा

ओडिशा के पठानी सामंत तारामंडल के उप निदेशक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 14 जुलाई से इस हर शाम सूर्यास्त के 20 मिनट बाद तक धूमकेतू को देखा जा सकता है, यह खगोलीय घटना अगले 20 दिनों तक जारी रहेगी, 22 और 23 जुलाई को यह धूमकेतु पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा।

 क्या होते हैं धूमकेतु?

क्या होते हैं धूमकेतु?

दरअसल धूमकेतु सौरमंडल में पत्थर, धूल , कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया और बर्फ से मिलकर बने हुए छोटे-छोटे खंड होते हैं, जो कि ग्रह की ही तरह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, इस चक्कर में हजारों साल लगते हैं इसलिए ये हजारों सालों में एक बार नजर आते हैं।

जानिए ग्रहों के बारे में ये खास बातें

जानिए ग्रहों के बारे में ये खास बातें

  • शुक्र ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है।
  • मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है, इसका धरातल लाल है जिस वजह से इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
  • बुध सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह है।
  • बृहस्पति सूर्य से 5वां और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
  • रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा
  • यम या प्लूटो सौर मंडल का दुसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है।
  • प्लूटो को सौरमंडल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता है।

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English summary
From July 14, C/2020 F3, a comet discovered on March 27, will be clearly visible in the north-western sky. It will be visible after sunset for around 20 minutes for the next 20 days.
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