जेटली के बयान पर फिर भड़का चीन, दे दी युद्ध की धमकी
बीजिंग। 1 महीने से ज्यादा वक्त से डोकलाम पर चल रहे गतिरोध पर अब चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने नया शिगूफा छोड़ा है। अखबार के मुताबिक चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के रक्षा मंत्री की ओर से यह कहे जाने के बाद कि उनका देश किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने को तैयार है इससे सेनाओं के भिड़त की आशंका बढ़ जाती है।
जेटली ने कहा था
बता दें कि बुधवार (9 अगस्त) को भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के दौरान रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा था कि 'अरुण जेटली ने तुरंत चेतावनी देते हुए कहा कि इंडियन आर्मी किसी भी प्रकार के चुनौतियों को झेलने में सक्षम है। जेटली ने कहा कि सेना 1962 के युद्ध के बाद सबक ले चुकी है।
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चुनौतियों का कर रहा है सामना
उन्होंने कहा था कि भारत ने चीन के साथ हुए 1962 के युद्ध से "एक सबक सीखा" है कि सशस्त्र बलों को हमारे लिए पूरी तरह से सक्षम होना होगा क्योंकि आज भी यह देश पड़ोसी देशों से चुनौतियों का सामना कर रहा है।'
बयान को मान रहे हैं भड़काऊ
जेटली के इस बान के बाद चीनी विशेषज्ञ इसे भड़काऊ मान रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए शंघाई संस्थान में एशिया-प्रशांत अध्ययन केंद्र के निदेशक झाओ गैनचंग ने कहा कि हाल ही में भारतीय राजनेताओं की ओर से की गई बयानबाजियों में जेटली का बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जिससे चीन को संकेत मिल रहा है कि भारत संभवतः सैन्य संघर्षों की तैयारी कर रहा है, जिससे सैन्य संघर्ष की संभावना बढ़ गई है। झाओ ने कहा कि चीन को भारत पर दबाव बनाना जारी रखना चाहिए और संभावित सैन्य अभियानों की तैयारी करना चाहिए।
अधिक सैनिकों की तैनाती
सोशल साइंसेज में शंघाई अकादमी के अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान में एक शोधकर्ता हु जियोंग ने कहा कि जेटली की टिप्पणियां बेवकूफाना थीं और इससे सीमा तनाव को कम करने के लिए कुछ नहीं हुआ। हु ने कहा कि भारत ने कहा है कि वह डोकलाम क्षेत्र में समस्या को हल करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके अपना रहा है लेकिन इसके विपरीत, सीमा के पास अधिक सैनिकों की तैनाती भी की जा रही है।